नई दिल्ली । सरकार के ऑडिट में उबर की हेराफेरी पकड़ी गई। कंपनी को बैक टैक्स और जुर्माने के रूप में 7,94,73,55,900 रुपए सरकारी खजाने में जमा कराने पड़े हैं। यह मामला अमेरिका के न्यू जर्सी राज्य का है। उबर ने 2014 से 2018 के बीच ड्राइवरों को स्वतंत्र कांट्रेक्टर बताकर टैक्स बचाया और ड्राइवरों को दी जाने वाली वित्तीय सुविधा भी नहीं दी। कंपनी का कहना था कि ड्राइवर उसके कर्मचारी नहीं हैं लेकिन सरकार ने उसकी यह दलील नहीं मानी और कंपनी को टैक्स चुकाने के लिए जिम्मेदार माना। एक रिपोर्ट के अनुसार न्यू जर्सी के श्रम विभाग का कहना है कि कंपनी के इस कदम से उबर के ड्राइवरों ने न्यूनतम वेतन, ओवरटाइम वेतन, बेरोजगारी बीमा, अर्जित बीमारी अवकाश, पारिवारिक अवकाश और अन्य लाभों के अधिकार खो दिए। अटॉर्नी जनरल मैट प्लेटकिन का कहना है कि कंपनियों द्वारा अपने कर्मचारियों का गलत वर्गीकरण करना सहन नहीं किया जाएगा। कंपनियां कर्मचारियों को मिसक्लासीफाई करके कर्मचारी को दिए जाने वाले जरूरी लाभों और कर्मचारियों की भलाई के लिए चलाई जा रही योजनाओं में योगदान देने से बच नहीं सकतीं।
उबर को अपने ड्राइवरों को सेल्फ इम्प्लॉयड बताना पड़ा महंगा, टैक्स और जुर्माने के रूप में चुकाए 8 अरब रुपये
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