बरेली । राजस्थान के उदयपुर में टेलर कन्हैयालाल की हत्या पर बरेलवी उलेमाओं ने कड़ा रुक्त इख्तियार किया है। विश्व प्रसिद्ध दरगाह आला हजरत के प्रचारक मौलाना शहाबुद्दीन ने कन्हैयालाल के हत्यारों के खिलाफ फतवा जारी किया है। फतवे में कहा है, कि जो शख्स किसी का कल्त करे वो शरीयत की रौशनी में मुजरिम और सजा का काबिल है। कानून को हाथ में लेने वाला गुनहगार है। सजा देने का अधिकार सिर्फ कानून को है।
गुरुवार को तंजीम उलमा-ए-इस्लाम ने बैठक कर घटना के तमाम पहलुओं को शरीयत की रौशनी में जांचने व परखने की कोशिश की। चूंकि ये घटना इस्लाम के नाम पर की गई है, इसलिए इस्लाम के रहनुमाओं को आगे आकर शरीयत की बताई हुई शिक्षा को सही अंदाज में जनता के सामने पेश करने की जरूरत थी। उलमा ने र्सवसम्मती से फतवा जारी करके घटना को अंजाम देने वाले दोनों मुस्लिम कातिलों को शरीयत की अदालत में मुजरिम करार देकर इन दोनों के खिलाफ फतवा जारी किया है।
मौलाना रजवी ने बताया कि आला हजरत ने अपनी किताब हूस्सामुल हरमैन में इस तरह की घटनाओं के बारे में फतवा दिया है, कि इस्लामी हुकूमत या गैर इस्लामी हुकूमत में अगर कोई व्यक्ति या बादशाह की इजाजत के बिना किसी गुस्ताखे नबी को क़त्ल करता है, तब उसका गाज़ी होना दरकिनार बल्कि ऐसा व्यक्ति शरीयत की नजर में मुजरिम होगा और बादशहे इस्लाम उसे सख्त सजा देगा। फिर आला हजरत फतवे में लिखते है कि जब इस्लामी हुकूमत में ये आदेश है तो जहां इस्लामी हुकूमत नहीं है वहां तो पहले दर्जे में ही नाजायज होगा, और गुस्ताखे नबी को क़त्ल करने की वजह से अपनी जान को हलाकत और मुसीबत में डालना होगा।
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