भोपाल के हाईप्रोफाइल मर्डर केस की जांच के लिए भोपाल पुलिस की एक टीम रायपुर रवाना हो चुकी है. आरोपी उदय दास को लेकर पुलिस के रायपुर पहुंचने की भी खबर मिली है. गर्लफ्रेंड और मां-बाप के कत्ल के आरोपी उदय दास ने रायपुर के महादेव घाट इलाके में सुंदर नगर स्थित अपने मकान को पावर ऑफ अटॉर्नी के जरिए हरीश कुमार पांडे नाम के शख्स को बेच दिया था, जो अभी अपने परिवार के साथ इस मकान में रह रहे हैं.
पेशे से वकील हरीश पांडे को मामले का पता अचानक तब चला, जब मीडिया उनके घर पहुंच गया. हरीश ने बताया कि 2011 में उन्होंने यह मकान उदय के स्कूल टीचर सुरेश दुआ और संदीप श्रीवास्तव नाम के शख्स से खरीदा था. इनके नाम पर कथित मकान की पॉवर ऑफ अटॉर्नी थी. हरीश ने बताया कि उनकी उदय दास से कभी मुलाकात नहीं हुई थी.
आसपास के लोगों ने की उदय की पहचान
हरीश ने बताया कि जिस वक्त उन्होंने यह मकान खरीदा था, उस समय यहां ज्यादा घर नहीं बने थे. इलाका पूरी तरह से वीरान था. जैसे-जैसे आबादी बढ़ती गई, लोगों ने यहां घर बनाना शुरू कर दिया. आसपास के लोगों का कहना है कि वह लोग उदय दास को जानते हैं. उदय इस घर में अपनी मां इंद्राणी दास और पिता वी.के. दास के साथ रहता था.
डीएसपी रह चुकी हैं सनकी कातिल की मां
उदय की मां मध्य प्रदेश पुलिस में डीएसपी के पद पर तैनात थीं. अलग राज्य बनने के बाद साल 2001 में उन्हें छत्तीसगढ़ ट्रांसफर कर दिया गया था. वहीं उदय के पिता वी.के. दास एक फोरमैन थे. पड़ोसियों की मानें तो उदय ने अपने माता-पिता की मौत की वजह बीमारी बताई थी. उदय का परिवार पड़ोसियों से ज्यादा घुलता-मिलता नहीं था.
फिलहाल मीडिया में आई खबरों के बाद छत्तीसगढ़ पुलिस ने स्वतः संज्ञान लेते हुए मामले की जांच शुरू कर दी है. प्राथमिक जानकारी जुटाने के लिए पुलिस सुरेश दुआ और संदीप श्रीवास्तव का पता लगाने में जुटी है. पुलिस उदय की मां के भी सर्विस रिकॉर्ड खंगाल रही है. वहीं उदय के परिवार को जानने-पहचानने वालों की भी तलाश जारी है.
आधिकारिक रूप से नहीं मिला कोई रिकॉर्ड
रायपुर रेंज के आईजी प्रदीप गुप्ता के मुताबिक, अभी आधिकारिक रूप से मध्य प्रदेश पुलिस ने राज्य पुलिस को कोई रिकॉर्ड नहीं सौंपा है. पुलिस सिर्फ मौखिक जानकारी के आधार पर इस केस की पड़ताल में जुटी हुई है. आईजी ने कहा, आरोपी उदय दास को यहां लाए जाने और उससे पूछताछ के बाद ही असलियत से पर्दा हटेगा.
क्या है पूरा मामला
पश्चिम बंगाल के बांकुरा में रहने वाले देवेंद्र कुमार शर्मा की बेटी आकांक्षा उर्फ श्वेता (28 वर्ष) जून 2016 में घर से अमेरिका में नौकरी करने की बात कहकर निकली थी. वह अमेरिका जाने के बजाय भोपाल में अपने बॉयफ्रेंड उदय दास (32 वर्ष) के साथ रह रही थी. जुलाई 2016 के बाद से आकांक्षा ने अपने परिवार से फोन पर कभी बात नहीं की.
उदय ने शक के चलते आकांक्षा की गला घोंटकर हत्या कर दी थी. उदय ने आकांक्षा की लाश को एक बॉक्स में बंद कर घर में ही उस पर सीमेंट डालकर एक चबूतरा बना दिया था. आकांक्षा के परिवार को शक न हो इसके लिए उदय आकांक्षा के वॉट्सएप से उसके परिजनों से बातचीत करता रहता था. आकांक्षा के भाई को बातचीत के दौरान जब शक हुआ तो उसने बहन का नंबर ट्रेस करवाया और उसकी लोकेशन भोपाल निकली.
एक महीने की जांच के बाद बांकुरा पुलिस भोपाल पहुंची और स्थानीय पुलिस के सहयोग से उन्होंने उदय को उसके घर से ही धर दबोचा. पूछताछ में सनकी उदय दास ने आकांक्षा की हत्या की बात कबूल कर ली. उदय की निशानदेही पर घर में बने चबूतरे से आकांक्षा के कंकाल बन चुके शव को निकाला गया. पूछताछ में उदय ने रायपुर स्थित घर में अपने मां-बाप को मारकर आंगन में गाड़ने की बात भी कबूल कर सनसनी फैला दी.