लखनऊ। ग्रामीण डाक सेवकों की हड़ताल छठे दिन भी जारी रही। सेवा सम्बंधी समस्याओं को लेकर अब डाक कर्मी आरपार की लड़ाई का मूड बना चुके हैं। मांगे पूरी न होने तक हड़ताल जारी रखने का ऐलान किया गया है। इससे डाक व्यवस्था पर दूरगामी असर पड़ना निश्चित है।
अखिल भारतीय ग्रामीण डाक सेवक संघ के बैनर तले छठे दिन सभी डाक घरों के सामने धरने पर बैठे रहे। कामकाज बाधित होने से सभी प्रकार के आर्टकिल जैसे रजिस्ट्री पत्र, स्पीड पोस्ट, सीओबी, एफडी जमा, एसबी जमा, सुकन्या योजना समेत तमाम योजनाओं का काम लगभग बंद हैं। दर्जनों बोरों में चिठियां डाकघरों में भरी रखी हैं। डाक को खोला तक नहीं गया है। सरकार के विरोध में डाक सेवकों ने विभाग और सरकार पर शोषण का आरोप लगाते हुए 16 अगस्त से हड़ताल करके धरने पर बैठे हुए हैं। काकोरी, मलिहाबाद, माल, रहिमाबाद के डाक सेवकों ने ऐलान किया है कि जब तक सरकार उनकी मांगें नही मानेगी, उनका यह सांकेतिक आंदोलन इसी तरह जारी रहेगा।
डाक सेवकों ने बताया कि 2015 में उच्चत्तम न्यायालय ने सभी को नियमित करने का आदेश जारी किया था, लेकिन सरकार उसे अब तक लागू नहीं किया है। जब तक सरकार उनको नियमितीकरण का आदेश और राज्य कर्मचारियों को मिलने वाली सारी सुविधाएं नहीं जारी करती, तब तक उनका यह आंदोलन चलता रहेगा। धरने में दिलीप पाल, रवींद्र कुमार गौतम, हेमन्त कुमार, शत्रोहन, अनिल तिवारी, दिलीप शर्मा, दिनेश प्रजापति, राघवेंद्र प्रताप सिंह, मलिक राम, सुरेंद्र पाल, राजकुमार, मुन्नालाल, केके यादव, नीरज सिंह, रामनाथ पाल, शिवराम साहू, अयाज अहमद, सुमन लता, राजाराम, लक्ष्मीचंद्र उपस्थित रहे।