नयी दिल्ली, 28 जून : किराये संबंधी नियमों का कथित रूप से पालन नहीं करने पर ओला और उबर सहित एप आधारित कैब सेवा प्रदाताओं के अभियोजन की मांग वाली एक याचिका दिल्ली की एक अदालत के सामने सुनवाई के लिए 13 जुलाई को रखी जाएगी।
मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अभिलाष मल्होत्रा ने इस मामले में स्पष्टीकरण मांगने के लिए अगली तारीख के लिए रखा जिसके बाद वह फर्मों को आरोपियों की तरह सम्मन करने की मांग वाली याचिका पर आदेश सुरक्षित रखेगी।
अदालत ने इससे पहले इसी एनजीओ का एक आवेदन वापस लिये जाने पर निरस्त किया था जिसमें एप आधारित कैब सेवा प्रदाताओं ओला, उबर और टैक्सी फार श्योर के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की गई थी। अदालत ने कहा कि याचिका में मोटर वाहन अधिनियम के तहत कथित अपराध ‘ ‘असंज्ञेय ‘ ‘ हैं।
अदालत ने शिकायतकर्ता एनजीओ ‘न्यायभूमि ‘ द्वारा शिकायत के समर्थन में इसके सचिव राकेश अग्रवाल द्वारा दिये गये सम्मन पूर्व सबूत दर्ज करने का काम पूरा किया है।