1 जुलाई 2022 से देश में लागू हो रहा
नई दिल्ली । जुलाई की एक तारीख से देश में नया लेबर कोड लागू होने वाला है। इसके लागू होने से सभी कर्मचारियों पर अच्छा-खासा असर होगा। नए लेबर कोड में अच्छी बात यह शामिल हुई हैं, कि किसी भी कर्मचारी द्वारा कंपनी छोड़ने के बाद दो दिनों के अंदर उस पूरा पैसा मिल जाएगा, जो भी कंपनी पर बकाया बनता होगा। वर्तमान कोड के हिसाब से अभी तक इस फुल एंड फाइनल पेमेंट में 30 से 60 दिन (औसत 45 दिन) लग जाते हैं। नए लेबर कोड में और भी कई चीजें कर्मचारियों के हित में हैं, जैसे कि उसकी सैलरी, सामाजिक सुरक्षा और हेल्थ से जुड़े कुछ बदलाव शामिल है। हालांकि इस नए लेबर कोड के लागू होने के बाद कर्चमारियों की इन-हैंड सैलरी कम हो जाएगी, परंतु पीएफ में कंट्रीब्यूशन बढ़ेगा। बढ़ा हुई कंट्रीब्यूशन ने केवल कर्मचारी की तरफ होगा, बल्कि कंपनी भी उतना ही पैसा कर्मचारियों के खाते में जमा कराएगी।
खबर के मुताबिक, 2019 के कोड ऑन वेजेज में कर्मचारियों को वेजेज का पेमेंट कब होगा, इसके बारे में विस्तार से बताया गया है। पेमेंट रोजाना, साप्ताहिक, अर्थमासिक या मासिक हो सकता है। यह ध्यान में रखना जरूरी है कि इसमें में वेजेज के दायरे से स्ट्रेटिरी बोनस को बाहर रखा गया है। वर्तमान या 1 जुलाई 2022 से पहले तक की बात करें तब अभी प्रोविजन्स ऑफ पेमेंट ऑफ वेजेज एक्ट, 1936 लागू है। इसके दायरे में सिर्फ इसतरह के कर्मचारियों के वेजेज और उसके सेटलमेंट के बारे में बताया गया है, जिनके वेजेज मासिक 24,000 रुपये से ज्यादा नहीं है। इसमें सैलरी और अलाउन्सेज के साथ बोनस का भी उल्लेख है। नौकरी की शर्तों के मुताबिक ही इनके पेमेंट की शर्तें दी गई हैं।
नए लेबर कोड में वेजेज के पेमेंट या उसके सेटलमेंट के लिए कर्मचारियों की सैलरी की सीमा तय नहीं है। मतलब इसके तहत सभी तरह के कर्मचारी आएंगे। फुल एंड फाइनल सेटलमेंट के बारे में बताया गया है कि कंपनी छोड़ने, बर्खास्तगी, छंटनी और इस्तीफा देने के 2 दिन के अंदर कर्मचारियों को वेजेज का पेमेंट हो जाना चाहिए। अभी वेजेज के पेमेंट और सेटलमेंट पर अधिकतर राज्यों के नियम लागू हैं। इनमें ‘इस्तीफा’ शामिल नहीं है। कुछ राज्यों, जैसे कि तमिलनाडु और पुड्डुचेरी के नियमों में इस्तीफे की कैटेगरी के बारे में लिखा गया है। दूसरे राज्यों, जैसे महाराष्ट्र और त्रिपुरा के नियमों में 2 दिन के अंदर पेमेंट के लिए कंपनी की तरफ से कर्मचारी के टर्मिनेशन को शामिल किया गया है।
नौकरी जॉइन करने वाले कर्चमारियों के वेजेज के बारे में भी लेबर कोड के बारे में बताया गया है। इसके मुताबिक, वेजेज का सेटलमेंट अगले महीने के 7 दिन के अंदर होना चाहिए। वेजेज का पीरियड एक महीना से ज्यादा नहीं हो सकता। अभी हर कंपनी में सैलरी के कैलकुलेशन के लिए अलग-अलग कट-ऑफ डेट होती है। अगर कोई एंप्लॉयी इस कट-ऑफ डेट के बाद ज्वाइन करता है, तब ज्यादातर कंपनियां उस महीने के बाकी दिनों के वेजेज को अगले महीने के वेजेज के साथ जोड़कर पेमेंट करती हैं।