कानपुर। उत्तर प्रदेश के कानपुर जनपद में 3 जून को नई सड़क इलाके में हुई हिंसा में पुलिस की कार्रवाई के बाद एक के बाद एक खुलासे हो रहे हैं। अब आशंका हैं कि मास्टरमाइंड हयात जफर हाशमी और उसके साथियों को विदेश से फंडिंग की जा रही थी। सूत्रों के हवाले से मिल रही खबर के मुताबिक 2019 से हाशमी को विदेशों से फंडिंग हो रही थी। एक प्राइवेट बैंक में 2019 को एक खाता खोला गया। बैंक के अकाउंट नंबर 50014717838 में 30 जुलाई 2019 की
तिथि में तीन करोड़ 54 लाख रुपये जमा किए गए। सितंबर 2021 को 98 लाख रुपया एक मुश्त निकाला गया। अभी
खाते में एक करोड़ 27 लाख रुपये पड़े हैं।
इस तरह अन्य दो और खातों की जानकारी जांच एजेंसियों को मिली है। इन खातों में महज दो तीन सालों में 47 करोड़ 68 लाख रुपयों का लेन देन हुआ है। अब इन खातों में महज साढ़े 11 लाख ही बचा है, जबकि ये खाते 2019 में ही
खोले गए थे। जल्द ही प्रवर्तन निदेशायल इस मामले की जांच करेगा। इसके अलावा बुधवार को कानपुर पुलिस ने
हाशमी की रिमांड भी मांगी है। अब तक मामले में 50 आरोपियों की गिरफ़्तारी हो चुकी हैं। इस बीच सोशल मीडिया ग्रुप भी
सामने आया है, जिसमें लोगों को भड़काने की कोशिश की जा रही है। कानपुर हिंसा मामले में जहां पुलिस सख्ती से आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है, वहीं फिर सोशल मीडिया के माध्यम से हिंसा भड़काने वाले लोग व्हाट्सएप ग्रुप पर आपत्तिजनक टिप्पणियां कर रहे हैं। हिंसा भड़काने के मामले में आरोपी नदीम कुरैशी के नाम से यह व्हाट्सएप ग्रुप बनाया गया है। इस ग्रुप में समाजवादी पार्टी के 2 विधायकों हाजी इरफान सोलंकी जो सीसामऊ से विधायक हैं और अमिताभ बाजपेयी जो आर्य नगर विधानसभा से विधायक हैं, उनके समेत सपा जिला अध्यक्ष इमरान को एडमिन बनाकर ग्रुप में एक धर्म विशेष के खिलाफ अभियान चलाते हुए उनकी दुकानों से सामान ना खरीदने का ऐलान किया गया है। अब व्हाट्सएप ग्रुप से शेयर किए गए आपत्तिजनक स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसका संज्ञान सोशल मीडिया पर कार्रवाई करने वाली एसआईटी टीम ने लिया है।
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