उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज यातायात के नियमों के उल्लंघन की वजह से होने वाली दुर्घटनाओं पर चिंता जाहिर करते हुए इन नियमों को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाने और सडक हादसों के कारण एवं निवारण तलाशने की जरूरत बतायी।
मुख्यमंत्री ने उत्तर प्रदेश और राजस्थान सरकारों के बीच परिवहन समझौते के मौके पर कहा एक चिंता है। प्रतिदिन हम देख रहे हैं कि यातायात के सामान्य नियमों के उल्लंघन की वजह से दुर्घटनाएं हो रही हैं। हम इसे पाठ्यक्रम का हिस्सा कैसे बना सकें, ताकि परिवहन के सामान्य नियमों की जानकारी आम जन तक पहुंच सके।
उन्होंने कहा कि जितनी भी दुर्घटनाएं हो रही हैं, वे यातायात के सामान्य नियमों की जानकारी ना होने की वजह से हो रही हैं। परिवहन निगम और सडक परिवहन के क्षेत्र में काम कर रहे अन्य विभागों को इस दिशा में काम करना चाहिये ताकि यात्री सुरक्षित यात्रा, सकुशल यात्रा का आनन्द ले सकें।
योगी ने उत्तर प्रदेश और राजस्थान के बीच हुए अन्तरराज्यीय करार को बेहद महत्वपूर्ण करार देते हुए इसे दोनों ही राज्यों के नागरिकों के लिये उत्साहजनक बताया और कहा कि इससे अपनी सांस्कृतिक जडों को मजबूत करने में मदद मिलेगी।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश का कौन सा नागरिक होगा, जो राजस्थान के मेवाड की माटी से अपना सम्बन्ध नहीं जोडना चाहेगा। वहीं, कौन राजस्थानवासी होगा, जिसे उत्तर प्रदेश स्थित दुनिया की सबसे प्राचीन नगरी के रूप में विख्यात काशी आने, प्रयाग आने, रामलला के दर्शन करने के लिये अयोध्या आने और कृष्ण की सम्पूर्ण लीला देखने के लिये मथुरा आने की उत्सुकता ना हो।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब अन्तरराज्यीय सम्बन्ध टूटते हैं तो उसकी पीडा उन क्षेत्रों में जाने वालों को उठानी पडती है। सरकार का कार्य लोक कल्याण के लिये काम करना होना चाहिये। केवल स्वार्थों के लिये लोकलुभावन घोषणाएं करे, और काम ना करे, तो वह सरकार सफल नहीं हो सकती।
यातायात नियमों को बनाया जाए पाठ्यक्रम का हिस्सा : योगी आदित्यनाथ
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