डॉ दिलीप अग्निहोत्री
आत्मनिर्भर भारत अभियान में नया अध्याय जुड़ा है। भारत ने सौ करोड़ लोगों के वैक्सिनेशन का लक्ष्य हासिल किया। इस आधार पर अगले कुछ समय में शत प्रतिशत सफलता का अनुमान लगाया जा सकता है। नकारात्मक प्रचार को नजरअंदाज कर जन मानस ने सकारात्मक मार्ग का अनुसरण किया। जन उत्साह के बिना यह रिकॉर्ड बनना संभव नहीं था। आत्मनिर्भर भारत अभियान राष्ट्रीय स्वाभिमान के स्तर पर आगे बढ़ रहा है। अनेक क्षेत्रों में आत्मनिर्भर भारत अभियान ने उल्लेखनीय प्रगति दर्ज की है। रक्षा सामग्री उत्पाद की दिशा में कीर्तिमान स्थापित हो रहे है।
भारत हथियारों का निर्यातक बन चुका है। पचास से अधिक देशों को भारत रक्षा उत्पाद का निर्यात कर रहा है। सौ से अधिक रक्षा सामग्री का आयात बन्द कर दिया गया है। इनका उत्पादन अब भारत में होगा। इसी प्रकार स्वास्थ्य सुविधाओं का भी विस्तार हो रहा है। सरकार के सहयोग व उत्साह वर्धन से भारतीय वैज्ञानिकों ने सबसे पहले कोरोना वैक्सीन का निर्माण किया था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसके लिए वैज्ञानिकों को बधाई देने पहुंचे थे। वह कोरोना आपदा के पहले दिन से ही कोरोना वारियर्स का उत्साह वर्धन करते रहे है। ताली थाली व दीप प्रज्ज्वलन के पीछे व्यापक मनोविज्ञान था। इस माध्यम से देश ने एकजुटता दिखाई थी। सरकार के निंदक इसको समझ ही नहीं सके। वह नरेंद्र मोदी की नकारात्मक निंदा में लगे रहे। सरकार इन हमलों से विचलित नहीं हुई।
नरेंद्र मोदी कहते भी है कि ऐसे हमलों व गलियों से उन्हें राष्ट्रहित में कार्य करने की प्रेरणा मिलती है। मुख्यमंत्री व प्रधानमंत्री के रूप में उनके बीस वर्ष इस बात को प्रमाणित भी करते है। कोरोना वैक्सीन पर भी यही हुआ। भारत में वैक्सिनेश की शुरुआत नकारात्मक राजनीति के साथ हुई थी। देश के अनेक जिम्मेदार नेताओं ने वैक्सीन को लेकर अनावश्यक सवाल व आशंकाएं व्यक्त की थी। इनके बयानों से निराशा व भ्रम का माहौल बना। ऐसे नेताओं ने देश व समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी का निर्वाह नहीं किया। अच्छा यह रहा कि प्रारंभिक आशंकाओं के बाद लोगों में जागरूकता आई। वे वैक्सिनेशन के प्रति प्रेरित हुए।
वैक्सीन पर तो पहले दिन से ही जमकर नकारात्मक राजनीति हुई। इसके बाद भी आमजन इससे भ्रमित नहीं हुआ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि वैज्ञानिक बहुत ही कम समय में वैक्सीन बनाने में सफलता हासिल कर लेंगे। अप्रैल में जब कोरोना के कुछ हजार केस थे, तभी केंद्र ने वैक्सीन टास्क फोर्स का गठन कर दिया था। भारत के लिए वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों को हर तरह से सपोर्ट किया गया। वैक्सीन निर्माताओं को क्लीनिकल ट्रायल में मदद की गई। रिसर्च और डेवलपमेंट के लिए जरूरी फंड दिया गया।
आत्मनिर्भर पैकेज के तहत मिशन कोविड सुरक्षा के जरिए हजारों करोड़ रुपए उपलब्ध कराए गए। वैक्सीन आई तो शंकाओं आशंकाओं को बढ़ाया गया। जब से भारत में वैक्सीन पर काम शुरू हुआ,तभी से कुछ लोगों ने ऐसी बातें कहीं जिससे आम लोगों के मन में शंका पैदा हुई। कोशिश ये भी हुई कि वैक्सीन निर्माताओं का हौसला पस्त हो। बाधाएं पैदा की गई। भांति भांति तर्क प्रचारित किए गए। वैक्सीन को लेकर आशंका और अफवाहें फैलाई गयी। अब देश इन बातों से आगे बढ़ गया है। वैक्सीनेशन को तेज गति से संचालित किया जा रहा है। कोविड वैक्सीनेशन की नई संशोधित गाइडलाइन लागू होने के पहले दिन ही रिकॉर्ड बना था।
केंद्र सरकार वैक्सीनेशन उत्पादन में से पचहत्तर प्रतिशत हिस्सा खरीद रही है जबकि पच्चीस प्रतिशत टीका प्राइवेट अस्पताल खरीद सकेंगे। भारत में चल रहे दुनिया के सबसे बड़े कोरोना वैक्सिनेशन को लेकर जागरुकता लाने के लिए शुरू किये गए- जान है तो जहान है -अभियान का भी शुभारंभ किया गया था। हज कमेटियां, वक्फ बोर्ड, वक्फ से जुड़े शैक्षणिक संस्थान, केंद्रीय वक्फ काउंसिल, मौलाना आजाद एजुकेशन फाउंडेशन, अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय की नई रोशनी योजना के अंतर्गत कार्यरत महिला सेल्फ हेल्प ग्रुप एवं स्वयं सहायता समूह शामिल किया गया था। सरकार और समाज ने सावधानी,संयम संवेदनशीलता, के संकल्प के साथ इस कोरोना महामारी के खिलाफ मजबूती से लड़ाई लड़ी है।
उत्तर प्रदेश सरकार का लक्ष्य है कि इस वर्ष दिसम्बर तक अठारह वर्ष से अधिक आयु वर्ग के प्रत्येक नागरिक को पूरी तरह वैक्सीनेट करते हुए सुरक्षा कवच प्रदान किया जाए। वैक्सीनेशन कार्य में तीव्रता लाने एवं लोगों को वैक्सीनेशन की सर्वसुलभता हेतु विभिन्न समूहों पर फोकस करते हुए कार्यक्रम बनाये गये हैं। प्रदेश सरकार द्वारा अभिभावक स्पेशल बूथ पर बारह वर्ष से कम आयु के बच्चों के अभिभावकों का वैक्सीनेशन सुनिश्चित किया जा रहा है। इसी प्रकार जूडीशियरी तथा मीडिया के लिए अलग बूथ तथा शिक्षक एवं सरकारी कर्मचारियों के लिए अलग बूथों पर वैक्सीनेशन का कार्य किया जा रहा है।
वैक्सीनेशन के पहले चरण में सभी हेल्थ वर्करों को वैक्सीन देने का कार्य किया गया। द्वितीय चरण में एक फरवरी से कोरोना वारियर्स का प्राथमिकता के आधार पर वैक्सीनेशन कराया गया था। तृतीय चरण में साठ वर्ष से अधिक आयुवर्ग के लोगों को निःशुल्क कोविड वैक्सीन की सुविधा प्रदान की गयी थी। इसके पश्चात चौथे चरण में पैंतालीस वर्ष से अधिक के आयु के लोगों के लिए कोविड वैक्सीनेशन का कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इसके बाद अठारह से पैंतालीस वर्ष के आयुवर्ग के लिए निःशुल्क वैक्सीन राज्य सरकार उपलब्ध होने लगी।
योग दिवस से भारत सरकार इस आयु वर्ग के लिए निःशुल्क कोविड वैक्सीनेशन की सुविधा उपलब्ध करा रही है। ग्रामीण एवं दूर दराज के क्षेत्रों में कोरोना टीकाकरण के प्रति जागरुकता लाने एवं कुछ निहित स्वार्थी तत्वों द्वारा कोरोना वैक्सीन पर फैलाई जा रही आशंकाओं अफवाहों को रोकने के लिए अभियान चलाया गया। इसका भी सकारात्मक परिणाम हुआ। टीकाकरण अभियान ने करोड़ का आंकड़ा पार किया। नया कीर्तिमान स्थापित हुआ।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दिल्ली स्थिति राम मनोहर लोहिया अस्पताल पहुंचकर स्वास्थ्य कर्मियों का उत्साह वर्धन किया। टीकाकरण के लिए आए लोगों से संवाद किया। उन्होंने वैक्सीनेशन सेंटर का निरीक्षण किया। नर्सिंग स्टाफ से बातचीत कर टीकाकरण के दौरान आने वाली समस्याओं की जानकारी प्राप्त की। देश की सौ करोड़ जनता को इतने कम समय में कोरोना की वैक्सीन लगना बहुत बड़ी उपलब्धि है। भारत की इस विलक्षण उपलब्धि पर विश्व स्वास्थ्य संगठन प्रमुख बधाई दी। कहा है कि देश में बिना किसी पक्षपात टीकाकरण का लक्ष्य हासिल हुआ है। कोरोना के प्रति अपनी संवेदनशील आबादी को बचाने और पक्षपात रहित रहकर टीकाकरण लक्ष्य को हासिल करने के प्रयासों को लेकर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वैज्ञानिकों और स्वास्थ्यकर्मियों के प्रयासों को सराहनीय बताया।
दुनिया के गरीब देशों तक वैक्सीन पहुंचाने की डब्ल्यूएचओ की मुहिम में भी भारत सबसे बड़े साझीदारों में से एक रहा है। मजबूत राजनीतिक नेतृत्व,संपूर्ण स्वास्थ्य और फ्रंटलाइन वर्कर के समर्पित प्रयासों के बिना कम समय में यह असाधारण उपलब्धि संभव नहीं थी। यह एक महत्वपूर्ण कदम है। इसे देश की प्रगति की सराहनीय प्रतिबद्धता के संदर्भ में देखा जाना चाहिए। इसके साथ जीवन रक्षक टीकों को विश्व स्तर पर सुलभ बनाने के प्रयासों के संबंध में भी इसे देखा जाना चाहिए। यह स्वास्थ्य के क्षेत्र में अभूतपूर्व उपलब्धि है। दुनिया में आत्मनिर्भर भारत अभियान की प्रतिष्ठा बढ़ी है। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार राज्यों एवं केन्द्र शासित प्रदेशों को अब तक करीब एक सौ चार करोड़ टीके की खुराक नि:शुल्क उपलब्ध कराई जा चुकी है। राज्यों के पास अभी भी करीब ग्यारह करोड़ टीके की खुराक मौजूद है।
नरेन्द्र मोदी ने इसी साल सोलह जनवरी को टीकाकरण अभियान की शुरुआत की थी। नौ महीने में देश में सौ करोड़ टीके का लक्ष्य हासिल हुआ। देश में अब तक पचहत्तर प्रतिशत वयस्क आबादी को टीके की एक खुराक और तीस प्रतिशत लोगों को दोनों खुराक दी जा चुकी है। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लखनऊ सरस्वती शिशु मन्दिर, निराला नगर में संचालित कोविड वैक्सीनेशन सेन्टर पहुंचे।
उन्होंने भारत की इस उपलब्धि को ऐतिहासिक बताया। कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन एवं नेतृत्व में भारत इस सदी की सबसे बड़ी महामारी कोरोना से बचाव के लिए सुरक्षा कवच के रूप में सौ करोड़ कोविड वैक्सीन डोज देने में सफल हुआ है। भारत ने दुनिया में सबसे तेज,सबसे व्यवस्थित एवं सबसे अच्छा टीकाकरण अभियान संचालित किया।
सबको वैक्सीन मुफ्त वैक्सीन प्रदान करने में प्रधानमंत्री के संकल्पों के साथ जुड़कर कोरोना मुक्त भारत की परिकल्पना को साकार करने में योगदान देने वाले सभी लोग बधाई के पात्र हैं। उत्तर प्रदेश में अब तक सवा बारह करोड़ कोरोना वैक्सीन की डोज दी जा चुकी है। उत्तर प्रदेश इस सप्ताह तेरह करोड़ वैक्सीन डोज उपलब्ध करवाने में सफल होगा। प्रदेश में वैक्सीन की कोई कमी नहीं है।