डॉ दिलीप अग्निहोत्री
किसी एक्सप्रेस वे पर फाइटर प्लेन का उतरना रोचक होता है। लेकिन इसका महत्व वायु सेना की सुदृढ़ स्थिति से बढ़ता है। नरेंद्र मोदी सरकार ने वायु सेना को मजबूत बनाने के अनेक प्रभावी कदम उठाए है। इनसे सेना का मनोबल बढ़ा है। दुश्मन को चुनौती का जज्बा पहले के मुकाबले बुलंद हुआ है। इसलिए पूर्वांचल एक्सप्रेस वे का एयर शो विशिष्ट हो गया।
पूर्वांचल एक्सप्रेस वे के लोकार्पण का अंदाज अभूतपूर्व था। इसमें विकास के साथ ही राष्ट्रीय सुरक्षा का सन्देश भी समाहित था। एक्सप्रेस वे पहले भी बने है,उन पर फाइटर प्लेन भी उतरे है। किंतु नरेंद्र मोदी सरकार ने विगत छह वर्षों में राष्ट्रीय सुरक्षा को भी नया आयाम दिया है। इस अवधि में अनेक आवश्यक रक्षा सौदों को अंजाम तक पहुंचाया गया। राफेल सहित अनेक आधुनिक विमान भारतीय वायु सेना में शामिल किए गए। स्वदेशी रक्षा उत्पाद में पैतीस प्रतिशत की वृद्धि हुई। सत्तर से अधिक देशों को भारत द्वारा हथियारों का निर्यात किया जा रहा है।
उत्तर प्रदेश में डिफेंस कॉरिडोर का निर्मांण भी प्रगति पर है। पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अलीगढ़ डिफेंस कॉरिडोर का लोकार्पण किया था। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने लखनऊ में हथियार निर्मांण करने वाली निजी सेक्टर की फैक्ट्री का शुभारंभ किया था।
इस बार पूर्वांचल एक्सप्रेस वे पर फाइटर प्लेन उतरने के दृश्य में वायु सेना की मजबूती परिलक्षित थी। क्योंकि इसके पीछे रक्षा क्षेत्र में विगत छह वर्षों में किये गए प्रयासों का उत्साह व मनोबल समाहित था। यह यूपीए सरकार का समय नहीं था, जब अनेक कारणों से अति आवश्यक रक्षा डील भी अधर में थी। भारत को आत्मनिर्भर व हथियार निर्यातक बनाने का तो कोई मंसूबा ही नहीं था। अब माहौल बदल चुका है। यह नए भारत का नया उत्तर प्रदेश है। इसलिए पूर्वांचल एक्सप्रेस वे के एयर शो पर दुनिया की नजर थी। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के लोकार्पण के उपरान्त भारतीय वायुसेना द्वारा एक एयर शो भी किया गया। इसमें सुखोई, मिराज, जगुआर, हरक्यूलिस सहित ग्यारह विमान सम्मिलित हुए।
भारत को अमेरिका से तीस सशस्त्र प्रीडेटर ड्रोन निकट भविष्य में मिलेंगे। हवा से जमीन पर मार करने वाली मिसाइलों से लैस एमक्यू नाइन बी ड्रोन खरीदने के प्रस्ताव को रक्षा खरीद परिषद द्वारा मंजूरी दिए जाने की संभावना है। प्रीडेटर ड्रोन को लंबे समय तक हवा में रहने और ऊंचाई वाले क्षेत्रों की निगरानी के लिए विशेष तौर पर डिज़ाइन किया गया है। भारतीय वायुसेना के एलसीए तेजस लड़ाकू विमान फ्रांसीसी मिसाइल हैमर से लैस होंगे।
वायुसेना ने फ्रेंच हैमर मिसाइलों के साथ तेजस की क्षमताओं को बढ़ाने के लिए आपातकालीन खरीद के तहत फ्रांस को ऑर्डर दिया है। इस घातक मिसाइल से फिलहाल लड़ाकू राफेल को लैस किया जाना है। इसकी वजह से पड़ोसी चीन और पाकिस्तान बेचैन हैं। हैमर हवा से जमीन पर मार करने वाली तेज गति से उड़ने वाली मिसाइल है। पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ उभरते संघर्ष के मद्देनजर भारतीय वायुसेना ने अब एलसीए तेजस लड़ाकू विमानों को भी खतरनाक हैमर मिसाइल से लैस करने का फैसला लिया है।
तेजस की मारक क्षमताओं को बढ़ाने के लिए वायुसेना ने आपातकालीन खरीद के तहत फ्रांस को ऑर्डर दिया है। इन मिसाइलों की वजह से तेजस फाइटर जेट को हाई एल्टीट्यूड वाले इलाके यानी हिमालय के पर्वतों में छिपे चीनी दुश्मनों को मार गिराने में आसानी होगी। यह पूर्वी लद्दाख के इलाके में चीन की सेना के बंकरों और पोस्ट को उड़ा सकती है। भारत सरकार ने एलसीए तेजस फाइटर की दो स्क्वाड्रन को संचालित कर दिया है। इसके अलावा चार और स्क्वाड्रन को एक्टीवेट करने की तैयारी चल रही है।
भारतीय वायुसेना को मिलने वाले एलसीए तेजस लड़ाकू विमान पैसठ प्रतिशत स्वदेशी होंगे। स्वदेशी रक्षा तकनीक को बढ़ावा देने के लिए देशी उत्तम रडार लगाए जाएंगे। स्वदेशी रक्षा उद्योग में भारतीय वायुसेना और आत्मनिर्भर भारत के लिए इसी साल की शुरुआत में एयरो इंडिया के दौरान हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड एचएएल के साथ तिरासी तेजस मार्क वन ए फाइटर जेट के सौदे पर हस्ताक्षर किए गए थे। एट थ्री एलसीए एमके वन ए में से तिरसठ विमानों में इलेक्ट्रॉनिक एईएस रडार लगेंगे। इसके लिए डीआरडीओ और एचएएल में करार हुआ है।
वायुसेना के पहले वाले ऑर्डर के चालीस एमके वन विमानों में मैकेनिकल इजराइली रडार लगाए जाएंगे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इसी महीने राष्ट्रीय रक्षा समर्पण पर्व के मौके पर स्वदेश निर्मित लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर एलसीएच वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी को सौंपेंगे। रानी लक्ष्मीबाई के जन्मदिन पर उत्तर प्रदेश के झांसी में होने वाले कार्यक्रम में ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ मनाते हुए थल सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे को ड्रोन यूएवी और नौसेना के युद्धपोतों के लिए विकसित किये गए उन्नत ईडब्ल्यू सूट भी सौंपेंगे।
भारत ने रूस के साथ भी करीब पांच अरब डॉलर के इस रक्षा सौदा किया है। भारत इस महत्वपूर्ण सुरक्षा प्रणाली की खरीद को लेकर किसी बाहरी दबाव में आने से इन्कार कर चुका है। पिछले वर्ष मास्को दौरे पर गए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रूस से एस-400 की आपूर्ति जल्द करने का आग्रह किया था। एस-400 की खरीद व अधिग्रहण पर भारत और रूस के बीच लगातार संपर्क बना हुआ है। इस वर्ष की शुरुआत में भारत के सैन्य अधिकारियों का एक बड़ा दल इसके संचालन की ट्रेनिंग लेने रूस भी जा चुका है। कुछ समय बाद भारत को एस-400 प्रणाली की आपूर्ति शुरू हो जाएगी।
नरेंद्र मोदी ने कहा कि इमरजेंसी की स्थिति में पूर्वांचल एक्सप्रेसवे देश की वायुसेना के लिए एक और ताकत बन गया है। कुछ हफ्ते पूर्व ही कुशीनगर में अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे का लोकार्पण हुआ था। इससे लखनऊ बाराबंकी,अमेठी, सुलतानपुर,अयोध्या, अम्बेडकरनगर, मऊ, आजमगढ़,गाजीपुर को जोड़ने के साथ उन शहरों को भी लखनऊ से जोडे़गा। जिनमें विकास की असीम आकांक्षा और बड़ी सम्भावना है।
प्रदेश में निर्माणाधीन लगभग तीन किमी का बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे चित्रकूट,बांदा, हमीरपुर, महोबा,जालौन,औरेया, इटावा शहरों को जोड़ेगा। नब्बे किमी लम्बे गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे से गोरखपुर, अम्बेडकरनगर, संतकबीरनगर और आजमगढ़ जुड़ेंगे। छह किमी लम्बा गंगा एक्सप्रेस-वे मेरठ, हापुड़,बुलन्दशहर, अमरोहा,संभल,बदायूं, शाहजहांपुर,हरदोई, उन्नाव,रायबरेली, प्रतापगढ़ और प्रयागराज को जोड़ेगा। यह सभी शहर छोटे हैं। पहली बार उत्तर प्रदेश की आकंक्षाओं के प्रतीक इन शहरों में आधुनिक कनेक्टिविटी को प्राथमिकता दी गयी है। पूर्वी और पश्चिमी डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर से उत्तर प्रदेश को पूर्वी समुद्री तट और पश्चिमी समुद्री तट से जोड़ रहे है।