अप्रूवल मिलने का इंतजार कर रही 8 भारतीय दवा कंपनियां
दुनिया भर में कोरोना के खिलाफ जंग में एक और सफलता हासिल होने वाली है। गरीब देशों के लिए कोरोना की पिल यानि की टेबलेट तैयार होगी। बता दें कि, कोरोना से संक्रमित मरीजों के लिए दुनिया की पहली दवा मोलनुपिरवीर होगी।फाइजर कंपनी ने कहा कि वह कोरोनारोधी दवा के लिए जिनेवा स्थित मेडिसिंस पेटेंट पूल को लाइसेंस देगी, जो जेनरिक औषधि निर्माता कंपनियों को दवा का उत्पादन करने देगा। दवाई की अप्रूवल प्रक्रिया के तहत प्रस्तावों की समीक्षा के लिए एसईसी की एक तत्काल बैठक बुलाई गई है।
अधिकारी ने कहा कि समिति कम से कम आठ भारतीय दवा कंपनियों के आवेदनों की जांच करेगी। मोलनुपिरवीर दवा कोरोना से संक्रमित मरीजों जो कि हल्के से मध्यम संक्रमण के शिकार हैं, इन सभी के लिए यह दवा एक उपचार के रूप में काम करेगी। दावा है कि, इस दवा के उपचार से कोरोना मरीज को अस्पताल या मौत का जोखिम न के बराबर होगा।खबर के मुताबिक, नैटको, डॉ रेड्डीज, सिप्ला, सन फार्मा, हेटेरो और बीडीआर फार्मा सहित कई कंपनियां भारत में जेनेरिक एंटीवायरल पेश करने के लिए नियामकीय मंजूरी का इंतजार कर रही हैं।
बता दें कि, अमेरिकी फार्मास्युटिकल कंपनी फाइजर ने एक ओरल एंटीवायरल कोविड-19 दवा गरीब देशों के लिए सस्ते मे उपलब्ध कराने के लिए एक समझौता किया है।इसके अलावा फाइजर दवा कंपनियों को प्रोडक्शन के लिए लाइसेंस भी प्रदान करेगा।फाइजर ने बताया कि, दवा के ट्रायल के दौरान कोरोना मामलों में मौत का जोखिम 89 प्रतिशत तक कम देखा गया है। कंपनी के रिपोर्ट के मुताबिक, यह परिणाम कोरोना के लक्षण शुरू होने के 5 दिनों के भीतर दिखाई दिए है।