चीन अपने पड़ोसी देशों की सीमाओं पर साजिश रचने से बाज नहीं आ रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार खबर आ रही है कि चीन ने भूटान के क्षेत्र में कथित रूप से गांवों का निर्माण किया है। इसकी जानकारी हाल ही में सामने आई सैटेलाइट तस्वीरों से मिली है।
रिपोर्ट के अनुसार,हाल ही में जारी हुई सैटेलाइट तस्वीरों में 100 स्क्वायर किमी के इलाके में कई गांव नजर आ रहे हैं।चीन की तरफ से ये कथित गांव मई 2020 से लेकर नवंबर 2021 में तैयार किए गए हैं। रिपोर्ट के अनुसार, डोकलाम के पास भूटान और चीन के बीच विवादित जमीन पर 2020-2021 के बीच निर्माण नजर आया है।उन्होंने आगे सवाल किया कि क्या यह नए समझौता का हिस्सा है या चीन के क्षेत्रीय दावों को लागू करना है?
रिपोर्ट के अनुसार, भूटान ने सीमाओं को लेकर लगातार चीनी दबाव का सामना किया है। कहा गया है कि समझौते की बातों को अभी तक स्पष्ट नहीं किया गया है।साथ ही देखा जाना बाकी है कि क्या ये निर्माण कार्य समझौते का हिस्सा हैं।बता दें कि चीन ने सीमा संबंधी वार्ता में तेजी लाने के लिए तीन चरणों वाले रोडमैप को मजबूत करने और थिम्पू के साथ राजनयिक संबंध स्थापित करने में सार्थक योगदान’ के वास्ते उसने भूटान के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। दोनों देशों ने चीन-भूटान सीमा वार्ता में तेजी लाने के लिए 14 अक्टूबर को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से एमओयू पर हस्ताक्षर किए।
समझौते पर हस्ताक्षर करने वाले चीन के सहायक विदेश मंत्री वू जियानघाओ ने कहा, ‘मेरा मानना है कि आज जिस समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुए हैं, वह दोनों देशों के बीच सीमा तय करने संबंधी बातचीत को तेज करने और राजनयिक संबंध स्थापित करने की प्रक्रिया को बढ़ावा देकर सार्थक योगदान देगा।
भारत ने गुरुवार को भूटान और चीन के बीच सीमा विवाद को सुलझाने के लिए बातचीत में तेजी लाने संबंधी समझौते पर हस्ताक्षर करने को लेकर सतर्कता से प्रतिक्रिया व्यक्त की।चीनी विदेश मंत्रालय द्वारा जारी बयान में वू के हवाले से कहा गया कि चीन और भूटान मैत्रीपूर्ण संबंधों वाले पड़ोसी हैं जोकि पहाड़ों और नदियों के जरिए आपस में जुड़े हुए हैं।दोनों देशों के बीच प्राचीन समय से मित्रता है।वहीं, चीन द्वारा जारी बयान में भूटान के विदेश मंत्री टांडी दोरजी के हवाले से कहा गया है कि समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर का ऐतिहासिक महत्व है।