नोएडा में अस्थायी संयोजनों में अनियमितता सामने आने पर उपभोक्ता परिषद् की याचिका पर नियामक आयोग हस्तक्षेप के बाद मचा हड़कंप
नोएडा अस्थायी संयोजन में बड़े घोटाले के बाद जहाँ उपभोक्ता परिषद ने नियामक आयोग में याचिका डालकर यह सवाल किया था कि यह घोटाला 100 करोड़ से ऊपर का है जिसे विद्युत नियामक आयोग ने गंभीरता से लेते हुए पावर कार्पोरेशन के प्रबंध निदेशक से 7 दिन में रिपोर्ट तलब कर ली थी।
बता दें कि आयोग द्वारा जल्द पूरे मामले में इन्वेस्टीगेशन ऑथॉर्टी गठित करने के डर से बिजली कम्पनियो में हंगामा मचा है परिषद ने कहा कि जहा कल पत्रावली गायब करने वाले एक कार्मिक को नोएडा में निलंबित भी किया गया है वही पावर कार्पोरेशन लगातार पूरे मामले पर नजर बनाए हुए है।
वही आज एक नये घटनाक्रम के बाद पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम ने मामले की गम्भीरता को देखते हुए अपने सभी जिलों यानी की सभी 6 जोनो नोएडा क्षेत्र गजिआबाद क्षेत्र मुरादाबाद क्षेत्र मेरठः क्षेत्र बुलंदशहर क्षेत्र सहारन पुर क्षेत्र के लिए 3 व 2 सदस्यों वाली अलग अलग जाँच कमेटी बनाई है जिसे सभी अस्थायी संयोजनों की पूरी विस्तृत जाँच कर 2 दिन में रिपोर्ट पेश करना है।
इस आशय का कार्यालय ज्ञाप आज पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम के निदेशक कार्मिक द्वारा जारी कर दिया गया है पता यह भी चला है की आज से ही जाँच शुरू भी कर दी गयी है।
उपभोक्ता परिषद पूरे मामले पर नजर बनाये हुए है लगातार पूरे घटनाक्रम की जानकारी नियामक आयोग को दे रहा है आज फिर नियामक आयोग चेयरमैन श्री आर पी सिंह को पूरे घटनाक्रम को अवगत कराया चेयरमैन नियामक आयोग ने कहा मामला गंभीर है पावर कार्पोरेशन से रिपोर्ट मिलने के बाद अबिलम्ब आयोग अपने स्तर से कानूनों की परिधि में निर्णय लेगा।
उप्र राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा पूरे प्रदेश में अभी इस अस्थायी कैटेगरी से पावर कार्पोरेशन को लगभग 215 करोड़ राजस्व प्राप्त होने का अनुमान है जिस प्रकार से अनियमितता सामने आ रही इसको सही कर दिया जाय तो निश्चित ही इस कैटेगरी से सैकड़ो करोड़ राजस्व और भी प्राप्त हो सकता है ऐसे में सभी महानगरों में अस्थायी संयोजनों खासतौर पर बिल्डरों के अवश्य पावर कार्पोरेशन जाँच कराये बड़ा मामला सामने आएगा।
उपभोक्ता परिषद् ने 2 दिन पहले ही पावर कार्पोरेशन से यह मांग उठाई थी कि नोएडा में अस्थायी संयोजन में अनियमितता सामने आने के बाद पूरे प्रदेश में बड़े अस्थायी संयोजनों खासतौर पर बिल्डरो व आवसीय कालोनाईजार व बड़े अस्थायी संयोजनों की जाँच होना बहुत आवश्यक हो गया है खासतौर पर महानगरों में।