बबेरू। पिछड़े बुंदेलखंड के अति पिछड़े क्षेत्र बबेरू के नाम गौरव का एक और पल जुड़ने जा रहा है। क्षेत्र के गौरव और खुशी के यह पल आईआरएस वरुण यादव के कारण पुनः संभव होने जा रहे हैं। उन्हें वर्ल्ड कस्टम आर्गनाइजेशन बेल्जियम की तरफ से डब्ल्यू सी ओ एवार्ड्स 2023 में 20 अधिकारियों की लिस्ट में चुना गया है।
यह जानकारी 20 जनवरी 2023 को अंतरराष्ट्रीय कस्टम दिवस पर सीबीआईसी की आफिसियल वेबसाइट पर जारी की गई। इसको लेकर बबेरू कस्बे में और वरूण जी के घर में खुशी का माहौल है। शुभचिंतकों ने एक-दूसरे को मिठाईयां खिलाकर खुशियों का इजहार किया।
बबेरू के लिए संभवतः यह पहला अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार होगा। यह पुरस्कार उन्हें 27 जनवरी 2023 को मिलना है।
वरुण यादव पुत्र सत्येन्द्र यादव ने यूपीएससी सिविल सर्विस 2016 का एग्जाम क्वालीफाई कर आईआरएस बनकर बबेरू का नाम रोशन किया था। उन्हें नार्थ ईस्ट में डिप्टी कमिश्नर की पोस्ट मिली और उनके द्वारा नार्थ ईस्ट में बहुत से आपरेशन किये गये जिससे तस्करों और टैक्स चोरों की कमर टूट गई।
कई ऐसे स्थानों में जहां से तस्करी या मैनुअली आयात निर्यात होता था ऐसे 16 स्थानों में उन्होंने ई डी आई का प्रयोग कर, वहां के कस्टम विभाग में वरुण एक मजबूत स्तंभ बनकर उभरे हैं। जिससे कारण सीमा में कोई तस्करी नहीं हो पाती है और न ही कोई हेराफेरी।
यह सब युवा अधिकारी वरुण की मेहनत, ईमानदारी, लगन, वीरता और देश के प्रति कर्तव्यनिष्ठता का ही परिणाम है उन्हें वर्ल्ड कस्टम आर्गनाइजेशन की तरफ से 2023 का अवार्ड मिल रहा है यह अवार्ड बबेरू के लिए पहला ही है और नार्थ ईस्ट इंडिया के लिए भी पहला ही है। यह पुरस्कार उनके संस्कारों को भी समर्पित है।
उनके अंदर संस्कारों का समावेश उनके माता-पिता से तो मिला ही है साथ में उनकी जीवन संगिनी भी उनकी हिम्मत बनकर उनका साथ देती हैं। तेज तर्रार युवा अधिकारी वरुण जी के माता-पिता ने इस खुशी के अवसर पर कहा- कि बेटा इसी तरह से ईमानदारी, वीरता, लगन और कर्तव्यनिष्ठता से देश की सेवा करे और बबेरू क्षेत्र के साथ देश का नाम रोशन करे।