गलवान जैसी घटना पर बोले आर्मी चीफ मनोज पांडे ने कहा : यहां हालात कभी भी बदल सकते हैं
नई दिल्ली। आर्मी चीफ जनरल मनोज पांडे ने भारत-चीन सीमा विवाद को लेकर एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि पूर्वी लद्दाख में स्थिति फिलहाल स्थिर है, लेकिन अनप्रिडेक्टेबल है। यानी यहां हालात कब बदल जाएं ये कहना मुश्किल है।
उनका कहना है कि हमें एलएसी (लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल) पर अपनी कार्रवाई का बहुत सावधानी से आकलन करने की जरूरत है ताकि हम अपने हितों की सुरक्षा कर पाएं। आर्मी चीफ के मुताबिक चीन ने सीमा पर अपनी सेना को न तो कम किया है, न ही बेसिक इंफास्ट्रक्चर के विकास में कमी की है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार उन्होंने यह बातें चाणक्य डायलॉग्स में थिंक टैंक ग्रुप को संबोधित करते हुए कही।जनरल मनोज पांडे ने कहा कि सीमा विवाद के सात में से पांच मुद्दों को बातचीत के माध्यम से हल कर लिया गया है। हम भारत-चीन के बीच 17वें दौर की कोर कमांडर लेवल की बैठक पर विचार कर रहे हैं। इसमें दो विशेष बिंदुओं से जुड़े मुद्दों को हल करने पर ध्यान देना होगा।
उनके इस बयान से माना जा रहा है कि उन्होंने डेमचोक और देपसांग का जिक्र करते हुए यह बात कही हैं। इसी साल 17 जुलाई को भारत और चीन के बीच कोर कमांडर लेवल की 16वें दौर की बातचीत हुई थी। 8 सितंबर 2022 से सेनाओं के पीछे हटने की प्रोसेस शुरू हुई थी और यह पूरी तरह 13 सितंबर को खत्म हुई।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार जनरल मनोज पांडे ने आर्मी चीफ ने चीन के दोहरे रवैये को लेकर भी आगाह किया। उन्होंने कहा कि कहा कि चीन की कथनी और करनी में अतंर है। हम सभी जानते हैं कि चीनी क्या कहते हैं और वे जो करते हैं, वह बिल्कुल अलग हैं। यह भी उनके टेम्परामेंट और कैरेक्टर का एक पार्ट है। हमें उनकी बातों पर ध्यान देने के बजाय उनके एक्शन पर ध्यान देने की जरुरत है। आर्मी चीफ ने कहा कि चीनी सैनिकों की संख्या में कोई कमी नहीं हुई है, लेकिन सर्दियों की शुरुआत के साथ कुछ पीएलए ब्रिगेड के लौटने के संकेत मिले हैं। 2020 में चीन ने ईस्टर्न लद्दाख के सीमावर्ती इलाकों में एक्सरसाइज के बहाने सैनिकों को तैनात कर दिया था। इसके बाद इस इलाके में कई जगहों पर चीनी सैनिकों ने घुसपैठ की।
इसके जवाब में भारतीय सेना ने भी इस इलाके में चीन के बड़ी संख्या में सैनिकों की तैनाती कर दी थी। हालात इतने खराब हो गए थे कि 4 दशक से ज्यादा वक्त के बाद एलएसी पर गोलियां चलीं। इसी दौरान 15 जून को गलवान घाटी में चीनी सेना के साथ हुई झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे। दो महीने पहले मैक्सार टेक्नोलॉजीज की सैटेलाइट तस्वीरों से यह खुलासा हुआ था कि पूर्वी लद्दाख में चीनी सेना गोगरा-हॉट स्प्रिंग्स में एलएसी के पार अपने कब्जे वाली जगह से 3 किलोमीटर पीछे हटी थी। भारत-चीन की 16वीं कोर कमांडर बैठक में पूर्वी लद्दाख के तनाव वाले गोगरा-हॉटस्प्रिंग्स-15 क्षेत्र से दोनों देशों की सेनाओं ने पीछे हटने का फैसला किया था। जानकारी के मुताबिक यहां अस्थाई निर्माण और बंकर तोड़ दिए गए थे। इस बात की पुष्टि दोनों देशों के लोकल कमांडरों ने जमीनी स्तर पर जायजा लेने के बाद की थी।