लखनऊ, 30 अक्टूबर। राजधानी की जुड़वां नृत्यांगनाओं रतन सिस्टर्स ईशा-मीशा ने मुंबई में पद्मविभूषण बिरजू महाराज की स्मृति में हुए दो दिवसीय उत्सव पंचतत्व-2022 में अपना मोहक युगल कथक प्रदर्शन कर सुधी कला प्रेमियों की प्रशंसा प्राप्त की।
गुरु अर्जुन मिश्र और सुरभि सिंह की शिष्याओं ईशा-मीशा ने सीखने के दौरान बिरजू महाराज जी के साथ बिताए पलों को याद करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की। इस युगल प्रदर्शन में शुद्ध पक्ष और अभिनय का दर्शनीय समन्वय दिखा। पंडित बिरजू महाराज की रचना इठलाती बलखाती… पर दोनों बहनों के हस्तक, पग संचालन और भाव पक्ष ने बेहद प्रभावित किया।
विद्या भवन एसपीजेएमआर आडिटोरियम अंधेरी में महाराज जी की शिष्या रेनू शर्मा के परिकल्पना व संयोजन में होने वाले इस कथक समारोह में देश भर से आए कलाकारों में बिरजू महाराज की पुत्री ममता महाराज, इप्शिता मिश्रा, जयिता दत्ता, किरन भार्गव, विद्या देशपांडे, नंदकिशोर कापटे, रेनू शर्मा, नूतन पटवर्धन, करण किशन, ललिता फांसे, मयूर वैद्य जैसे देश के विख्यात कलाकार प्रदर्शन करने आए हैं। रतन बहनों ईशा-मीशा के अलावा माधवी और नेहा झाला की युगल सरस्वती वंदना के बाद उर्वशी सिन्हा, मुंबई की शीला मेहता बनारस घराने के युगल सौरव-गौरव मिश्र में से गौरव, सितारादेवी की पुत्री जयंतीमाला मिश्रा, रश्मि तरफले, दीपा बक्शी और अयान बनर्जी ने अपनी बंदिशों, तोड़े, टुकड़े, प्रसंग और खेलत घनश्याम सब संग होर… व कान्हा काहे रोके डगरिया… जैसी बंदिशों के संग शुद्ध पक्ष की दुर्लभ और दर्शनीय प्रस्तुतियां दीं। ममता महाराज ने शुद्ध पक्ष की प्रस्तुतियों के संग ही गांधारी की पीड़ा को भावों में उजागर किया।
अल्पिका और कलाश्रम के संयुक्त संयोजन में हुए इस आयोजन के साथ ही तीन दिवसीय उच्च स्तरीय गहन कार्यशाला में विख्यात नृत्यांगना शाश्वती सेन, ममता महाराज और रेनू शर्मा ने प्रशिक्षण भी दे रही हैं।