लखनऊ, 27 जनवरी: अयोध्या में भगवान श्री राम के आगमन के उपलक्ष्य में पूज्य श्री देवकीनंदन ठाकुर जी महाराज के पावन सानिध्य में भव्य दिव्य श्री राम कथा और श्री सीताराम यज्ञ का दिव्य आयोजन स्थान – डी.ए.वी कॉलेज, ऐशबाग रोड नियर नाका थाना लखनऊ में 24 जनवरी से 1 फरवरी 2024 तक किया जा रहा है। श्री राम कथा के द्वितीय दिवस की शुरुआत विश्व शांति के लिए प्रार्थना के साथ की गई। जिसके बाद पूज्य महाराज जी ने भक्तों को “हम कथा सुनाते राम सकल गुणधाम की” भजन का श्रवण कराया।
इस कथा आयोजन के मुख्य यजमान और उत्तर प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, डीएवी कॉलेज प्रबंधक मनमोहन तिवारी जी एवं कथा में प्रमुख यजमान – सर्वेश पाण्डेय, मुरलीधर आहूजा, अंशु गुप्ता, अरविन्द सिंह, सुरेश मिश्रा, नितिन गुप्ता पधारे एवं आरती पूजन किया।
दीप्ती सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि उत्तर प्रदेश के 25 करोड़ हिन्दुस्तानियों की तरफ से धर्मरत्न शांतिदूत पूज्य श्री देवकीनंदन ठाकुर जी महाराज का हृदय से स्वागत करता हूँ और आभार प्रकट करता हूँ। पूज्य महाराज श्री के श्रीमुख से राम कथा सुनी है और उसकी हर घर में चर्चा हो रही है। हर एक व्यक्ति चाहता है कि वह यहाँ आकर महाराज श्री से आशीर्वाद प्राप्त करे और रामकथा का श्रवण करे।
महाराज श्री ने सभी भक्तों को गणतंत्र दिवस जी शुभकामनायें दीं और कहा हमारा भारत ऐसे ही अखंड बना रहे और ऐसे ही हमारा तिरंगा लहराता रहे और सनातन धर्म आगे बढ़ता रहे यहाँ पर ऐसे ही कभी राम उत्सव होते रहें और कभी काशी में तो कभी मथुरा में उत्सव होते रहें।
एक गोमती की धारा बह रही है और एक तरफ श्री राम धारा बह रही है। इस समय पूरे देश में राम धारा बह रही है और देश ही नहीं बल्कि पूरा विश्व ही राममय हो गया है। उत्तर प्रदेश में श्री राम जी का मंदिर ही नहीं बना बल्कि मानवता व सनातन के सम्मान का मंदिर बना है।
आज की युवा पीढ़ी को नहीं मालूम है कि उनकी क्या मंजिल है आज का युवा बस एक अच्छा घर,एक अच्छा पार्टनर और एक अच्छी जॉब इन सब के आलावा युवा को अपने माँ-बाप कि भी ज़रुरत नहीं है। मनुष्य के अंदर जो अकेलापन होता है उसके लिए ही रामायण होती है। इसलिए बार-बार रामकथा और भागवत कथा होनी चाहिए।
भगवान पर कभी संदेह नहीं करते हैं श्री राम कण-कण में हैं। मनुष्य को अपने सामर्थ्य के अनुसार परोपकार करते रहना चाहिए जैसे मनुष्य के पास 24 घंटे होते हैं तो उसमें से कुछ समय परोपकार के लिए निकालना चाहिए। अपने जीवन में तन,मन,धन,समय सब कुछ परोपकार में लगाना चाहिए। परोपकार करने से कभी कुछ कम नहीं होता है बल्कि बढ़ता ही है।
मनुष्य के जीवन में एक भी समस्या ऐसी नहीं है जिसका समाधान रामायण में ना हो। आज कल कि समस्या यह है कि शादियां हो जाती है लेकिन टिकती नहीं हैं जिसके कारण व्यक्तियों के घर टूट रहे हैं। इस का भी समाधान केवल और केवल रामायण में ही है।