44 साल में पहली बार अतीक को सजा
अतीक का आपराधिक इतिहास बहुत लम्बा है। उस पर पहला केस 1979 में दर्ज हुआ था, अब 44 साल बाद उसे पहली बार सजा हुई है। पहली ही सजा में उसे उम्रकैद मिली है। उस पर 101 मुकदमे दर्ज हैं, इनमें से करीब 50 केस कोर्ट में चल रहे हैं। पहली सजा में इतना समय इसलिए लगा, क्योंकि अतीक और उसके गैंग के खिलाफ दर्ज मुकदमों में ज्यादातर बार गवाह पलटते रहे। उसके खिलाफ दर्ज 14 मुकदमों में अब तक गवाह मुकर चुके हैं। 4 मुकदमे तो राज्य सरकार ही वापस ले चुकी है। उसके खिलाफ दर्ज 12 मुकदमों में ट्रायल क नहीं हो पा रहा था।
मीडिया रिपोर्ट्स और यूपी पुलिस के डोजियर के अनुसार, माफिया अतीक अहमद और उसके गैंग के 227 के खिलाफ 101 मुकदमे दर्ज हैं। अतीक पर अभी कोर्ट में 50 मामले चल रहे हैं, जिनमें गैंगस्टर और गुंडा एक्ट के डेढ़ दर्जन से अधिक मुकदमे हैं। अतीक पर पहला मुकदमा 1979 में दर्ज हुआ था। हत्या, लूट, रंगदारी अपहरण के न जाने कितने मुकदमे उसके खिलाफ दर्ज होते रहे। मुकदमों के साथ ही उसका राजनीतिक कद भी बढ़ता रहा।
14 मुकदमों में गवाह पलटे, 4 केस सरकार ने वापस लिए
50 मुकदमे कोर्ट में विचाराधीन -एडीजी अभियोजन आशुतोष पांडेय के मुताबिक, माफिया अतीक अहमद 1996 से अब तक दर्ज मुकदमों में से 50 मुकदमे कोर्ट में विचाराधीन हैं। आज (मंगलवार) को उसके और उसके भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ के खिलाफ प्रयागराज के धूमनगंज थाना में दर्ज उमेश अपहरण कांड में फैसला आ गया है। वहीं, उससे जुड़े 3 मुकदमों में अभियोजन की पैरवी के चलते जल्द फैसला आने की उम्मीद है। इनका ट्रायल कोर्ट में चल रहा है। 12 मुकदमों में नहीं हो पा रहा ट्रायल पुलिस रिकार्ड के मुताबिक, माफिया अतीक अहमद के 12 मुकदमों में वकीलों के लगातार कोर्ट में प्रार्थना पत्र देने से ट्रायल नहीं हो पा रहा था। इसके बाद एडीजी आशुतोष पांडेय ने रिव्यू किया। एडिशनल डायरेक्टर, प्रॉसिक्यूशन, प्रयागराज रेंज राजेश कुमार श्रीवास्तव ने उन्हें कोर्ट में रखा। अब माफिया अतीक अहमद के 12 मामलों की कोर्ट में सुनवाई चल रही है। पत्ती और बेटों के नाम दर्ज हैं 8 मुकदमे पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक, अतीक की पत्ती शाइस्ता परवीन के खिलाफ 3, बेटे अली के खिलाफ 4 और उमर के खिलाफ 1 केस दर्ज है। पत्ती के खिलाफ दर्ज तीनों केस का ट्रायल स्पेशल सीजेएम कोर्ट में चल रहा है।
12 मामलों में ट्रायल ही नहीं हो पा रहा था
वहीं अली अहमद के खिलाफ हत्या के प्रयास, दंगा भड़काने, धार्मिक भावनाओं से छेड़छाड़ में दर्ज केस की विवेचना की जा रही है। अली के खिलाफ आर्मस एक्ट में दर्ज मुकदमे में चार्जशीट दाखिल हो चुकी है। अली करैली में हुई हत्या के प्रयास मामले में नैनी जेल में और उमर सीबीआई द्वारा दर्ज कराए गए डकैती और किडनैपिंग केस में लखनऊ की जेल में बंद है। 14 मामलों में गवाहों के मुकरने, साक्ष्य न जुटाने के कारण अतीक दोष मुक्त कर दिया गया। जबकि 6 मामलों में पुलिस ने जांच के बाद फाइनल रिपोर्ट लगा दी है। जिसको लेकर सरकार की तरफ से दिशा- निर्देश जारी होने के बाद अभियोजन विभाग कानूनी सलाह ले रहा है। मुकरे, 4 मुकदमों को सरकार ने वापस लिए । पुलिस सूत्रों के मुताबिक, अतीक के राजनीति में कदम रखते ही उसका रसूख बढ़ा।
नतीजा डकैती के दौरान हत्या, एससी-एसटी एक्ट, बलवा, अवैध वसूली, गैंगस्टर एक्ट समेत गंभीर धाराओं में दर्ज चार मुकदमे साल 2001, 2003 और 2004 में सरकार ने वापस ले लिए।