डॉ दिलीप अग्निहोत्री
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विभाजन विभीषिका पर जो कहा, वह बात आज के अफगानिस्तान पर लागू होती है। नरेंद्र मोदी ने कहा कि अब से चौदह अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के तौर पर याद किया जाएगा। देश के बंटवारे के दर्द को कभी भुलाया नहीं जा सकता। नफरत और हिंसा की वजह से हमारे लाखों बहनों और भाइयों को विस्थापित होना पड़ा और अपनी जान तक गंवानी पड़ी। उन लोगों के संघर्ष और बलिदान की याद में चौदह अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस मानने का निर्णय लिया गया है। यह दिन हमें भेदभाव, वैमनस्य और दुर्भावना के जहर को खत्म करने के लिए न केवल प्रेरित करेगा। इससे एकता, सामाजिक सद्भाव और मानवीय संवेदनाएं भी मजबूत होंगी। विभाजन की त्रासदी सदियों तक याद रखी जाएगी। यह बीसवीं सदी की सबसे बड़ी घटनाओं में से एक थी। इस दौरान हुए दंगों में लाखों लोग मारे गए थे। इस लड़ाई में महिलाओं ने सबसे अधिक दर्द झेला। पाकिस्तान में हिंदुओं व सिखों के घरों व जमीनों पर मुसलमानों ने कब्जा कर लिया था। पाकिस्तान छोड़कर भारत चले जाने की नसीहत दी जाती थी। अपनी जमीन छोड़कर ना जाने वालों को मार दिया जाता था। यह नए भारत के सृजन का अमृत काल है। इसमें विभाजन त्रासदी को भी याद रखना होगा। अमृत काल में संकल्पों की सिद्धि देश को आजादी के सौ वर्ष तक ले जाएगी। भारत विभाजन का दर्द आज तक कायम है।
नरेंद्र मोदी ने कहा कि हम आजादी का जश्न मनाते हैं,लेकिन बंटवारे का दर्द आज भी हिंदुस्तान के सीने को छलनी करता है। अब से चौदह अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के रूप में याद किया जाएगा। यह देश को सामाजिक विभाजन और कटुता के विष को हटाने की याद दिलाता रहेगा और साथ ही एकजुट होने की भावना को मजबूत करेगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस मनाने के निर्णय का स्वागत किया है। कहा कि इससे राष्ट्रीय एकता और अखण्डता सुदृढ़ होगी। सामाजिक सद्भाव बढ़ेगा। देश के बंटवारे से विस्थापित हुए लोगों के संघर्ष और बलिदान की स्मृति में विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के रूप आयोजित करने से वर्तमान पीढ़ी को सकारात्मक सन्देश मिलेगा। मानवीय संवेदनाओं को मजबूती मिलेगी। यह भेदभाव, वैमनस्य तथा दुर्भावना को खत्म करने के लिए देशवासियों को प्रेरित करेगा। विभाजन के कारण लाखों लोगों ने हिंसा,अपनों की मृत्यु और विस्थापन की विभीषिका को झेला है। इस ऐतिहासिक जंग में जिन लोगों ने अपना बलिदान दिया, उन्हें याद रखना आवश्यक है।
विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस देश के विभाजन का दंश झेलने वाले सभी परिवारों को सच्ची श्रद्धांजलि है। इस दिन के बाद स्वतन्त्रता दिवस परम्परागत उत्साह दिखाई देगा।