नई दिल्ली। अपने देश में आंतरिक समस्या से जूझ रहे पहलवानों के लिए खेल से जुड़ी एक बड़ी राहत की खबर है। भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप लगाने वाले पहलवान बजरंग ( 65 ) और विनेश फोगाट (53 किलो) को बिना ट्रायल के एशियाई खेलों की टीम में शामिल कर लिया गया है। तदर्थ समिति ने दोनों को टीम के मुख्य प्रशिक्षकों की मर्जी के खिलाफ टीम में जगह दी है। इस फैसले के खिलाफ इन दोनों के भारवर्ग के दूसरे पहलवानों में रोष व्याप्त हो गया है। कुछ पहलवान फैसले के खिलाफ अदालत जा रहे हैं।
कोच बोले, छूट का किया था विरोध:
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार तदर्थ समिति ने 22 और 23 जुलाई को होने वाले ट्रायल से चार दिन पहले इसके मानदंडों का सर्कुलर जारी किया, जिसमें बजरंग और विनेश का नाम लिए बिना उनके भारवर्ग 65 और 53 किलो में पहलवान चयनित कर लिए जाने की बात कही गई है।
समिति के एक सदस्य का कहना है कि 22 और 23 को फ्रीस्टाइल, ग्रीको रोमन और महिला वर्ग के सभी छह-छह भार वर्गों में ट्रायल होगा। पुरुषों के 65 और महिलाओं के 53 भारवर्ग के विजेता पहलवान का नाम एशियाड के लिए स्टैंडबाई के रूप में भेजा जाएगा। अगर बजरंग और विनेश एशियाड में नहीं खेलते हैं तो दोनों स्टैंडबाई को टीम में रखा जाएगा।
पुरुष और महिला टीम के मुख्य प्रशिक्षक जगमिंदर सिंह और विरेंदर दहिया का कहना है कि उन्हें बैठक में नहीं बुलाया गया। उन्होंने दोनों को छूट देने का विरोध किया था, लेकिन समिति ने अपने दोनों को टीम में शामिल कर लिया।
रवि को नहीं मिली छूट सूत्र बताते हैं कि डब्ल्यूएफआई की चयन नीति के अनुसार बजरंग, विनेश और रवि कुमार को ओलंपिक और विश्व चैंपियनशिप का पदक विजेता होने के नाते सीधे टीम में प्रवेश दिया जाना था, लेकिन रवि के चौथे रैकिंग टूर्नामेंट चोटिल होने के कारण नहीं खेलने के चलते उन्हें यह छूट नहीं दी गई। अभी यह तय नहीं है कि बजरंग, विनेश के साथ आंदोलन में साथी साक्षी मलिक, संगीता फोगाट, जितेंदर कुमार, सत्यव्रत कादियान ट्रायल में खेलेंगे या नहीं। चारों इस वक्त विदेश में तैयारी कर रहे हैं।