रूस का यूक्रेन से आज 19वां दिन हैं फिलहाल वो अभी युद्ध तो नहीं जीत पाया हैं लेकिन जो जानमाल की तबाही हुयी हैं उसकी भरपाई अब शायद ही कभी हो पाए।
बिगड़ते हालात यूक्रेन में तबाही का सिलसिला बदस्तूर जारी है। इसी के साथ विश्व शांति पर भी तनाव छाता जा रहा है। अमेरिका ने नाटो सदस्य बाल्टिक देशों में अपने बारह हजार सैनिक भेजे हैं। इन्हें रूस से सटी सीमा पर तैनात किया गया है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन का कहना है कि हम तीसरा विश्वयुद्ध नहीं लड़ने जा रहे बल्कि ये तैनाती नाटो देशों की रक्षा के लिए है।
उन्होंने कहा कि अगर हम जवाबी कार्रवाई करते हैं तो तीसरा विश्वयुद्ध निश्चित है। उन्होंने कहा कि जिस तरह हम यूक्रेन का समर्थन कर रहे हैं, उसी तरह हम यूरोप में अपने सहयोगियों के साथ खड़े रहना जारी रखेंगे। हम नाटो के दायरे में आने वाली हर एक इंच भूमि की रक्षा करेंगे।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने साफ किया कि यूक्रेन में सेना, लड़ाकू विमान आदि भेजने का सीधा मतलब है कि ये तीसरे विश्वयुद्ध की शुरुआत है, हम ऐसा करने के पक्ष में नहीं हैं। उधर रूस अपनी जिद पर अड़ा हुआ है और बर्बादी के हर कदम उठा रहा है।
ब्रिटेन ने शनिवार को दावा किया कि रूसी सैनिक यूक्रेन की राजधानी कीव के निकट पहुंच चुके हैं। कीव की उत्तरी सीमा पर बड़ी संख्या में जमे रूसी सैनिक इधर-उधर हो गए हैं और राजधानी कीव पर घेरा डालने की तैयारी में हैं। रूस यूक्रेन के शहरों पर अंधाधुंध बमबारी कर रहा है। यूक्रेन के रिहाइशी इलाकों, सैन्य ठिकानों, हवाई पट्टियों, महत्वपूर्ण संस्थानों के साथ-साथ रूस ने अब यूक्रेन के औद्योगिक क्षेत्रों पर बमबारी शुरू कर दी है।
अमेरिकी रक्षा अधिकारियों ने कहा कि हवाई हमलों का आकलन करें तो रूस की ओर से रोजाना औसतन 200 उड़ानें भरी जा रही हैं और इतने ही बम गिराए जा रहे हैं। स्थिति यह है कि यूक्रेन के कई शहरों में हालात गंभीर हो चुके हैं।
इस तरह यह स्पष्ट हो जाता है कि यूक्रेन में हालात बेहद खराब हो चुके हैं और आने वाले दिनों में इनमें किसी तरह की कमी आती नहीं दिखाई दे रही है। ऐसे में जरूरी यह है कि हालात को बिगड़ने से बचाने के लिए दोनों पक्षों में संघर्ष विराम तथा वार्ता के लिए प्रभावशाली पहल की जाएं।