डॉ दिलीप अग्निहोत्री
सबका साथ और विश्वास से सबका विकास भारत की संवैधानिक भावना है। संविधान की प्रस्तावना का पहला शब्द ही इसे प्रतिध्वनित करता है। इसमें हम भारत के लोग शब्दावली का उल्लेख है। नरेंद्र मोदी ने पिछली बार ही इसे अपनी सरकार का मार्ग दर्शक सिद्धांत बना लिया था। उनकी सरकार ने इसी भावना से कार्य भी किया। घुमंतू समाज की ओर भी उनकी सरकार ने बहुत ध्यान दिया। पिछले कार्यकाल में ही घुमंतू समाज के साठ वर्ष से अधिक आयु के लोगों को केंद्र सरकार ने वृद्धावस्था सम्मान भत्ता लाभ दिया था। इसके लिए कागजी कार्यवाई में उनको परेशानी न हो इस बात का भी सरकार ने ध्यान रखा। इसके लिए सुविधाएं प्रदान की गई। इस समाज का इतिहास गौरवशाली रहा है।
भारतीय सभ्यता संस्कृति के प्रसार में इनका भी योगदान रहा है। प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में इस समाज ने अंग्रेजों से मोर्चा लिया था। इसलिए अंग्रेजों ने इन्हें शत्रु मान लिया था। इनके उत्पीड़न हेतु कानून बनाये गए। इनको बदनाम करने का अभियान चलाया गया। आजादी के बाद भी इनकी स्थिति में सुधार नहीं आया। नरेंद्र मोदी की सरकार ने इन्हें विकास की मुख्यधारा में शामिल किया। इनके सम्मान और विचारों से समाज को नए सिरे से परिचित कराने का कार्य किया जा रहा है। ऐसा ही एक कार्यक्रम लखनऊ में आयोजित किया गया। जिसमें राज्यपाल राम नाईक मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। विमुक्त, घुमंतु एवं अर्द्धघुमंतु समुदाय विकास एवं कल्याण बोर्ड के नये अध्यक्ष भिकू रामजी इदाते दादा के अभिनन्दन समारोह का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर उत्तर प्रदेश राम नाईक, नवनियुक्त अध्यक्ष भिकू रामजी इदाते दादा सहित बोर्ड की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सुश्री कांचनताई खाड़े, हरियाणा प्रदेश के अध्यक्ष श्बलवन सिंह, आयोग के प्रान्तीय अध्यक्ष लक्ष्मी नारायण सिंह लोधी दादाजी सहित तेरह प्रदेशों के प्रमुख व अन्य विशिष्टजन उपस्थित थे। इस अवसर पर राज्यपाल तथा श्री भिकू रामजी इदाते का सम्मान पुष्प गुच्छ, अंग वस्त्र व स्मृति चिन्ह देकर किया गया।
राज्यपाल ने कहा कि यह सुखद संयोग है कि भिकू रामजी और मैं दोनों महाराष्ट्र से आते हैं तथा दोनों ने सामाजिक क्षेत्र में काम किया है। भिकू रामजी से मेरा पिछले चालीस वर्षों से परिचय है। प्रसन्नता की बात है कि केन्द्र सरकार ने भिकू रामजी को बोर्ड का अध्यक्ष नियुक्त किया है। देश में लगभग ग्यारह करोड़ लोग घुमंतु समुदाय के हैं। जिन्हें विकास की मुख्य धारा में जोड़ना है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने अपने ध्येय वाक्य सबका साथ सबका विकास में नई सरकार बनने के नये शब्द सबका विश्वास जोड़ा है। जिससे देश में एक नया माहौल बना है।
इस प्रकार पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने जय जवान जय किसान नारे में जय विज्ञान शब्द जोड़कर अणु परीक्षण किया तो पूरे विश्व में भारत को नई पहचान मिली थी। सबके विकास से ही देश का विकास होगा। सन्योग से इसी दिन श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पुण्यतिथि भी थी। राम नाईक ने उनका भी स्मरण किया। कहा कि डाॅ मुखर्जी देश में एक निशान, एक प्रधान और एक विधान के पक्षधर थे। इस बात को लेकर प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू से मतभेद के कारण उन्होंने मंत्रिमण्डल से त्याग पत्र दे दिया था।
वैचारिक मतभेद के कारण डाॅ आंबेडकर ने भी मंत्री पद त्याग दिया था। जो अपना इतिहास समझता है वही भविष्य का मार्ग प्रशस्त करता है। संविधान में जाति, धर्म का भेद नहीं बल्कि सारे समाज को बराबरी का अधिकार दिया गया है। भिकू रामजी इदाते ने राज्यपाल के सहयोग के लिये आभार व्यक्त करते हुये कहा कि राज्यपाल से सदैव मार्गदर्शन मिलता रहा है। राम नाईक ने एक आदर्श जनप्रतिनिधि, मंत्री और राज्यपाल की हैसियत से जो भी कार्य किये उसका लेखा जोखा समाज के सामने प्रस्तुत किया। उन्होंने आयोग की संस्तुति सहित अन्य क्रिया-कलापों पर भी प्रकाश डाला। इस अवसर पर आयोग के प्रान्तीय अध्यक्ष श्री लक्ष्मी नारायण सिंह लोधी ने स्वागत उद्बोधन दिया। राज्यपाल ने कार्यक्रम में डाॅ डी आर वर्मा व डी के लोधी द्वारा लिखित पुस्तक नाइंसाफी का विमोचन भी किया।
समारोह में इस समाज के विषय मे जानकारी मिली। बंजारा, गाड़िया लोहार, बावरिया, नट, कालबेलिया, भोपा, सिकलीगर, सिंगीवाल, कुचबंदा, कलंदर ये सब कामगार थे। पशुपालन, औजार निर्माण, लोककला, गीत,नृत्य करतब और सांप, भालू, बंदर का खेल दिखाना, प्राकृतिक औषधियों से साधारण बीमारियों की चिकित्सा,मिट्टी के खिलौने बनाने आदि का कार्य करते थे। अब परिस्थितियां बदल चुकी है। मनोरंजन के आधुनिक साधन उपलब्ध है। ऐसे में इस समाज की कठिनाई बढ़ी है। फिर भी सरकार इनके विकास पर विशेष ध्यान दे रही है।
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