अंशुमान खरे
रूस और यूक्रेन के बीच भीषण युद्ध ने मानवता पर करारा प्रहार किया है। अगर समय रहते युद्ध को रोका न गया तो यह विश्व युद्ध का रूप ले लेगा। रूस लगातार बम वर्षा करके यूक्रेन को मलबे में तब्दील करता जा रहा है। यूक्रेन भी अपने देश को बचाने के लिए रूसी सेना से लोहा ले रहा है। शहर के शहर बम बारी, मिसाइल के हमलों से तबाह हो रहे हैं। युद्ध की विभीषिका से जान बचाने के लिए लोग देश छोड़ कर भाग रहे हैं। बिजली, पानी, खाने का संकट मुंह बाए खड़ा हो गया है। तमाम देश युद्ध का परोक्ष रूप में समर्थन कर रहे हैं जिससे लगता नहीं, युद्ध रुकेगा। अपने आधुनिक हथियारों के घमंड में सभी देश दुनिया को विनाश की ओर ढकेल रहे हैं। भारत एकलौता देश है जो युद्ध नहीं बुद्ध की बात करता है। सभी देशों को भारत की बात मानकर तत्काल युद्ध रोकना होगा। वरना दुनिया को मलबे के ढेर में तब्दील होने में देर नहीं लगेगी। भारत की सलाह पर रूस और यूक्रेन बैठकें करके युद्ध रोकने पर गंभीरता से विचार कर रहे हैं, पर अहं के कारण किसी नतीजे पर नहीं पहुंच रहे हैं। अगर ऐसा ही रहा तो युद्ध का दायरा बढ़ने में देर नहीं लगेगी। रूस परमाणु हमले की चेतावनी पहले ही दे चुका है।
अमेरिका सहित तमाम देश रूस पर तमाम प्रतिबंध लगाकर रूस पर युद्ध रोकने के लिए दबाव बना रहे हैं। उधर रूस अपनी ज़िद पर अड़ा है। रूस ने यूक्रेन को घेरकर चारों ओर से बमबारी की है। बड़ी बड़ी इमारतें मलबे में तब्दील हो रही हैं। सड़कों के नाम पर बमबारी से तबाह हुई सड़कें जो गड्ढे में तब्दील हो गई हैं। संयुक्त राष्ट्र संघ, अन्तर्राष्ट्रीय कोर्ट आफ जस्टिस जैसी संस्थाएं आंखमूंदकर बैठी हैं। उन्हें विनाशलीला दिख नहीं रही है। जब सब मलबे में तब्दील हो जाएगा तब होश में आकर क्या होगा। रूस अपनी शक्ति का प्रदर्शन कर रहा है।
दुनिया के देश यूक्रेन को बरबाद होते देख रहे हैं। अमेरिका और तमाम देश यूक्रेन की पीठ थपथपा रहे हैं। नाटो यूक्रेन की हर तरह से मदद करने की बात करके आग में घी डालने का काम कर रहा है। अपने पर लगे प्रतिबंधों से बौखलाया रूस और अधिक आक्रामक हो गया है। उसने यूक्रेन पर कब्जा करने का मन बना लिया है। रूस अपनी पूरी शक्ति से यूक्रेन पर धावा बोल रहा है। यूक्रेन के तमाम शहरों को अपने कब्जे मे ले लिया है ऐसा रूस का दावा है। यूक्रेन के राष्ट्रपति ने देशवासियों का आह्वान किया है कि हम पूरी ताकत से दुश्मन का मुकाबला करेंगे। किसी भी हालत में रूसी सेना के आगे समर्पण नहीं करेंगे।
रूस और यूक्रेन के बीच वार्ता का दौर जारी है, पर नतीजा कोई भी झुकने को तैयार नहीं है। अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, चीन जैसे देश रूस को युद्ध रोकने के लिए मना नहीं पा रहे हैं। रूस की आक्रामकता दिन पर दिन बढ़ती जा रही है। यह दुनिया के लिए ठीक नहीं है।
इस्राएल के प्रधानमंत्री ने दोनों देशों के राष्ट्रपतियों से मिलकर समझौता कराने के लिए मध्यस्थता कराने का प्रस्ताव रखा है। आम जनता के हित में, मानवता की रक्षा के लिए युद्ध का रुकना बहुत जरूरी है। यूक्रेन युद्ध की विभीषिका से जल रहा है। बड़ी बड़ी इमारतें खण्डहर होकर धू धू कर जल रही हैं। बड़े बड़े शहर वीरान हो गए हैं। जान बचाकर लोग बंकरों में भूखे प्यासे छुपे हुए हैं। लगातार सायरन बज रहा है। बमबारी हो रही है। सड़कों का नामोनिशान नहीं है, बख्तरबंद गाड़ियां और टैंक लगातार बम बरसा रहे हैं । चारों ओर आग ही आग का मंजर है।आपाधापी मची हुई है। सब कुछ वीरान सा है। जीवन का नामोनिशान नहीं दिखता। सामान्य नागरिक ही नहीं, बच्चे और बूढ़े तक मौत के आगोश में हैं। पूरे देश मे एक सन्नाटा सा पसरा हुआ है।बस कहीं कुछ दिखता है तो बम विस्फोट और आग से जलता हुआ शहर।
यूक्रेन के राष्ट्रपति ने रूसी दावे का खण्डन किया है कि यूक्रेनी राष्ट्रपति देश छोड़कर भाग गए हैं। यूक्रेन के राष्ट्रपति ने कहा है कि वह देश छोड़कर नहीं जाएंगे, रूस से अन्तिम सांस तक लड़ते रहेंगे। उन्होंने देश के नागरिकों से भावुक अपील की है कि देश की रक्षा के लिए दुश्मनों से डटकर मुकाबला करें। यूक्रेनी राष्ट्रपति ने कहा कि हमारे हौसले बुलन्द हैं, हम जरूर जीतेंगे।
यूक्रेन के राष्ट्रपति ने दोहराया कि अमेरिका ,फ्रांस, जर्मनी, पोलैण्ड सहित अन्य देश अभी यूक्रेन को और मदद कर सकते हैं। यूक्रेन की रक्षा के लिए यूक्रेन की महिलाओं ने भी हथियार उठा लिए हैं। जहां एक तरफ समझौतों का दौर चल रहा है ,वहीं दोनों देशों की तल्खी युद्ध विराम में बाधा डाल रही है। दुनिया के देशों की अपील दोनों देशों पर कोई असर नहीं डाल पा रही है। दोनों देशों को ठंडे दिमाग से सोचना चाहिए कि युद्ध से उनका और उनके देश का क्या भला होगा। जहां रूस को अपने आधुनिक हथियारों पर बड़ा भरोसा है, वहीं यूक्रेन को अमेरिका सहित तमाम देशों से हर तरह के सहयोग मिलने का भरोसा है।रूस ने यूक्रेन की राजधानी कीव सहित तमाम शहरों पर अपनी पैठ बना ली है। यूक्रेन के राष्ट्रपति और सेना के साथ साथ वहां की जनता भी रूसी सेना को आगे बढ़ने से रोक रही है। युद्ध की शुरुआत करके रूस भी फंस गया है। रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने सोचा भी नहीं होगा कि यूक्रेन उनकी सेना का इतने दिनों तक सामना कर पाएगा। पुतिन को भरोसा था कि यूक्रेन एक दो दिन में रूसी सेना के आगे समर्पण कर देगा। पर यूक्रेन रूसी सेना से दो हफ्ते से भी अधिक समय हो जाने के बाद भी डटकर मुकाबला कर रही है।
युद्ध है कि रुकने का नाम ही नहीं ले रहा। लगभग पूरा यूक्रेन तहस नहस हो गया है। तमाम तेल डिपों पर रूसी सेना का कब्जा हो गया है। परमाणु संयंत्रों पर रूसी सेना ने घेराबंदी कर कब्जा कर लिया है। यूक्रेन से तमाम भारतीय नागरिक खासतौर से मेडिकल छात्रों को भारत सरकार आपरेशन गंगा के तहत युद्ध की विभीषिका से निकालकर भारत लाई।इन विषम परिस्थितियों में यूक्रेन के लोग त्राहि त्राहि कर रहे हैं । यूक्रेन में युद्ध की भयानकता देखकर किसी का भी मन द्रवित हो जाए, आंखें भर आएं।
भारत ने यूक्रेन के राष्ट्रपति पुतिन और यूक्रेन के राष्ट्रपति जेंलेस्की से युद्ध विराम करने की अपील की है। भारत की अपील पर दोनों देशों ने विचार करने का आश्वासन दिया है। अमेरिका सहित तमाम देशों को चाहिए कि दोनों देशों को युद्ध के लिए रोकें और शांतिपूर्ण ढंग से समझौता करने का दबाव डालें। अगर यह युद्ध रुकता नहीं है तो यह दुनिया भर में फैल जाएगा और विनाश का कारण बनेगा।