जी के चक्रवर्ती
आज जब से नरेंद्र मोदी अमरीकी दौरे पर गये तब से देश मे एक नाम जो बार बार सुनने में आया है और वह नाम है, अमेरिका के उप राष्ट्रपति कमला हैरिस का, भारत के ऐसे परिवारों के सदस्य जो विश्व के अन्य देशों के नागरिक के रूप में रह रहे हैं जब हम इन प्रवासी भारतीयों की बात करते हैं तो ऐसे लोग विश्व के 48 देशों में फैले हुए हैं और इनकी संख्या लगभग 2 करोड़ के आसपास है।
वैसे तो जो भारतीय दुनिया के अलग अलग देश मे बसे हैं उनमें से अधिकांश भारतीयों ने अपने-अपने क्षेत्र में महारत हासिल कर आसमान की बुलंदियों को छूकर देश ही नही बल्कि अपना भी नाम उज्ज्वल किया है। ऐसे भारतीयों से हमें बहुत गर्व का अनुभव होना स्वाभाविक है, जो लोग आज भी विदेशों में रहने के बावजूद भारतीय मिट्टी की सोंधी खुशबू से जुड़े हुये हैं।
ऐसे भारतीय परिवारों की स्त्री और पुरुषों ने उसी समाज के लोगों के संस्कार संस्कृतियों में घुलमिल कर उनके साथ प्रणय बन्धनों में बंध कर सम्पूर्ण जिंदगी उसी देश में व्यतीत कर देते है एसे ही एक परिवार का एक सदस्य अमेरिका के उप राष्ट्रपति कमला हैरिस का नाम सामने आता हैं।
कमला हैरिस ने अपनी आत्मकथा, ‘द ट्रुथ वी टोल्ड’ में वर्ष 2018 को लिखा है कि यहां लोग मेरा नाम किसी विराम चिन्ह यानी “Comma-la” की तरह कहते हैं।”
भारतीय संस्कृति के माहौल में कमला एवं उनकी बहन माया एक साथ खेलते-कूदते पढ़ लिखकर बड़ी हुई हैं, लेकिन आज भी वे बड़े ही शान से अपनी अफ्ऱीकी-अमरीकी दोनों ही ज़िंदगियाँ एक साथ जीती हैं।”
कमला की मां का नाम श्यामला गोपालन एक तमिल मूल की भारतीय नागरिक थी वहीं उनके पिता डोनाल्ड हैरिस जो स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में अर्थशास्त्र के प्रोफ़ेसर थे उनके पिता मूलतः अफ्ऱीकी मुल्क के जैमेका के रहने वाले थे, ( जैमेका एक कैरिबियन देश है और यहां अंग्रेजी भाषा बोले जाने वाला द्वीप है हालांकि जमैका की राष्ट्रीय भाषा अंग्रेजी ही है, लेकिन यहां के ज्यादातर लोग Patois जनपदीय भाषा ही बोलते हैं, जो कि एक अंग्रेजी आधारित क्रियोल भाषा है।) तो उनकी मां की किन्ही कारणों से उनके पति से विछेद हो जाने के समय कमला मात्र 5 वर्ष की थीं। कमला और उनकी छोटी बहन माया दोनो बहनों की परवरिश उनकी एकलौती भारतीय हिन्दू मां ने किया था। श्यामला गोपालन एक कैंसर रिसर्चरस और मानवाधिकार कार्यकर्ती थी,
कमला के माता-पिता वर्ष1960 के दौरान हुये सिविल राइट्स मूवमेंट के दौरान ओकलैंड की सड़कों पर न्याय पाने के लिए चिल्लाते और मार्च करते हुए एक-दूसरे के नजदीक आये थे। कमला के अनुसार वह संघर्ष आज भी जारी है। उन्होंने कहा कि ‘मेरे अभिभावक मुझे प्रदर्शनों में अपने साथ ले जाया करते थे।’ कमला हैरिस ने कहा कि वे अपनी मां से प्रभावित होकर उन्होंने कानूनी समान अधिकार पाने को लेकर लड़ाई लड़ने का फैसला किया। इसके बाद कमला डिस्ट्रिक्ट अटर्नी और अटर्नी जनरल भी बनीं। श्यामला गोपालन की दोनों बेटियों को अमेरिका में ”श्यामला एंड द गर्ल्स” के नाम से भी जाना जाता है।
अमेरिकी सामाजिक जीवन मे कमला हैरिस की छवि एक अफ्रीकी-अमरीकी राजनीतिक नेता के रूप में जानी पहचानी जाती रही हैं। मुख्यतः अभी हाल में अमरीका में ब्लैक लाइव्स मैटर्स के दौरान हुए आंदोलन की चर्चाओं में उन्हें एक अफ्रीकी-अमरीकी राजनीतिक नेता के रूप में देखा जाने लगा। लेकिन विशेष कर अमरीका में रहने वाले भारतीय मूल के लोग उन्हें अपने ही समुदाय के मानते हैं। उनकी राष्ट्रपति पद पर आसीन होने से पहले से और भी आज भी अमरीका में बसे भारतीय और दक्षिण एशियाई लोगों द्वारा उनको वहां हाथों हाथ लेने से उन्हें मिली व्यापक समर्थनों का ही परिचायक है।
कमला हैरिस ने जब अमेरिका के राष्ट्रपति पद के लिए अपने अभियान की शुरुआत किया तो अमेरिका की एक और भारतीय मूल की महिला मिंडी कलिंग, जो कि एक अमेरिकी हास्य अभिनेता, लेखक, निर्माता और निर्देशक हैं। उनका सहयोग किया।
कमला ने वर्ष 2014 में वकील डगलस एम्पहॉफ से शादी की उनकी शादी में भारतीय और यहूदी दोनों संप्रदायों की परंपराओं को निभाते हुये कमला ने अपने पति डगलस को फूलों की माला पहनाई थी तो वहीं डगलस ने यहूदी परम्पराओं और रीति रिवाजों के अनुसार अपने पैर से कांच तोड़े थे।
कमला एक जानी-मानी ब्लैक नेता हैं, (दरअसल अमेरिका में नस्लवाद का एक लम्बा इतिहास रहा है, जो गोरे-काले के भेद के रूप में लगातार आज भी जारी है।) फिर भी उन्होंने उनके अन्दर बसे भारतीय मूल के जड़ों को उजड़ने नही दिया। कमला हैरिस की मां श्यामला गोपालन की वर्ष 2009 में सत्तर वर्ष की आयु में स्वर्गवास हो गया। कमला हैरिस ने दुनिया मे पहली एशियाई-अमेरिकी महिला की पहली उप-राष्ट्रपति बन कर इतिहास रच दिया था।
आज जब भारत के प्रधानमंत्री मोदी ब्रिक्स सम्मेलन की अध्यक्षता और न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा का 76वां संयुक्त राष्ट्र सममेलन शिखर सम्मेलन को संबोधित करने अमेरिका पहुंचे तो अमेरिका की उप राष्ट्रपति कमला हैरिस ने ही उनका बहुत गर्म जोशी के साथ स्वागत किया।
भारत के प्रधानमंत्री ने वहां अनेक उच्चस्तरीय बैठकों में विचार विमर्श किया जिसमें विश्व के सौ से अधिक नेताओं ने भाग लिया जिनमें अमरीका के राष्ट्रपति जो वाईडन द्विपक्षीय मुलाकात की और इसी कड़ी में नरेंद्र मोदी की दूसरी बैठक अमेरिका की उपराष्ट्रपति कमला हैरिस के साथ ही हुई, जिसमें प्रधानमंत्री ने कोविड-19 महामारी में अमेरिका की ओर से मिले सहयोग और योगदान के लिए उनका भावपूर्ण आभार व्यक्त किया।
वहीं संयुक्त राष्ट्र आम सभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुनिया को संबोधित करते हुये कहा था कि दुनिया पिछले डेढ़ वर्षों से पिछले 100 वर्षों के मध्य इतिहास का सबसे भयानक और बडी महामारी के रूप में कोरोना वायरस का सामना कर रही है। इसमे उन्होंने सबसे पहले कोरोना से लड़ाई का उल्लेख करते हुये वैश्विक साझेदारी के महत्व पर भी जोर दिया। इसके अलावा अफगानिस्तान का जिक्र करते हुए उन्होंने आतंकवाद के प्रति दुनिया को आगाह करते हुए साथ मिलकर आतंकवाद से लड़ने की प्रतिवद्धता पर जोर दिया। अमेरिका में कमला की उम्मीदवारी ने यहां बसे भारतीय के ही नही बल्कि हमारे देश के लोगों के ह्रदय में जोश से भर कर हम भारतीयों का मस्तक गर्व से ऊँचा किया है।