लखनऊ, 30 मार्च। चारबाग के बाल संग्रहालय परिसर में चल रहे लखनऊ पुस्तक मेले में बड़ी मात्रा में प्रेरक बाल साहित्य है तो माध्यमिक और उच्च शिक्षा ग्रहण कर रहे नवयुवाओं व शोधार्थियों के लिए भी शिक्षा, प्रतियोगी परीक्षाओं और अन्य अनेक विषयों की उपयोगी पुस्तकें हैं। मेले के आयोजनों में आज मोहक सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के साथ ही डा.सुधाकर अदीब की पुस्तक दस जीवनियां का लोकार्पण खास रहा।
प्रेरक दस जीवनियां
प्रलेक प्रकाशन की ओर से डा.सुधाकर अदीब की पुस्तक दस जीवनियां का लोकार्पण डा.अमिता दुबे, पद्मकांत शर्मा, की उपस्थिति में हुआ। सुधाकर अदीब ने कहा- अनेक महापुरुष और महान स्त्रियां सभ्य समाज में अपनी उपस्थिति दर्ज कराते रहे है। ऐसे असाधारण व्यक्ति जो स्वयं में ही किसी दुर्लभ विचार सरीखे हो, उन्हें सजोना हर बुद्धिजीवी की अनिवार्य जिम्मेदारी है। मुख्य अतिथि डॉ.अमिता दुबे ने कहा कि पुस्तक के इन दस महान एवं प्रेरणादायी व्यक्तित्वों में जीवन के संघर्ष सत्य के प्रति निष्ठा सामाजिक सरोकार जीवन की विविध रंग देखने को मिलते हैं। दयानन्द पाण्डेय ने कहा- लेखक ने इतिहास जीवन, समयकाल सबको किसी माला में सुधकर एकमेव कर दिया है
काव्यकृतियों का विमोचन
नवसृजन साहित्यिक संस्था के तत्वावधान में स्मृतिशेष विप्लव वर्मा की दो काव्य-कृतियों ’आंसू नहीं छिपा“ और “गोधूलि मन में“ का लोकार्पण डॉ.वी.जी.गोस्वामी की अध्यक्षता, देवेश द्विवेदी ’देवेश’ के संयोजन व डॉ. योगेश के संचालन में पूर्व डीजीपी महेशचन्द्र द्विवेदी, प्रो.उषा सिन्हा व डॉ.सुल्तान शाकिर हाशमी ने किया। यहां कवि की सुपत्री आस्था ने लोकार्पित काव्य कृतियों से कुछ रचनाओं का पाठ किया। समारोह में वरिष्ठ एवं नवोदित रचनाकारों ने अपनी उपस्थिति द्वारा समारोह को भव्यता प्रदान की। अतिथियों का स्वागत अम्बर ने किया ता आभार सुषमा विप्लव सौम्या ने व्यक्त किया।
प्रस्तुतियों में छिपे संदेश
यूपी त्रिपाठी के संयोजन में विश्वम महोत्सव के तहत हुए युवाओं के कार्यक्रम में गुरु नानक गर्ल्स डिग्री कॉलेज की छात्राओं ने आतंकवाद, छेड़छाड़, महिलाओं से हिंसा जैसी समस्याओं पर अपनी प्रस्तुतियों के जरिये प्रहार कर जागरूक किया। छात्राओं ने सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के जरिये संदेश भी दिये और मनोरंजन भी किया। पुस्तक मेले के थीम एक भारत श्रेष्ठ भारत विषय पर रामाधीन गर्ल्स पीजी कॉलेज की छात्राओं ने पोस्टर तैयार कर प्रदर्शित किये।
एमिटी यूनिवर्सिटी की तरफ से मानसिक स्वास्थ्य पर एक नुक्कड़ नाटक की प्रस्तुति भी हुई और इसी क्रम में विश्व बाइपोलर दिवस के अवसर पर एमिटी यूनिवर्सिटी की ओर से परिचर्चा भी।
द्विध्रुवीय या बाईपोलर मानसिक विकार को लेकर हर साल 30 मार्च को मशहूर पेण्टर विन्सेंट वान गॉग के जन्मदिन पर विश्व द्विध्रुवी दिवस मनाया जाता है। वॉन गॉग को मरणोपरांत द्विध्रुवी विकार होने का पता चला था। मेले में आज विश्व द्विध्रुवीय दिवस पर हुई संगोष्ठी का मकसद का लोगों को खतरनाक ढंग से मूड स्विंग होने आदि से सम्बंधित इस बीमारी के प्रति लोगों को जागरूक करना रहा।