डॉ दिलीप अग्निहोत्री
भाजपा ने योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में चुनाव लड़ा था। इसमें विकास और बुलडोजर बाबा की निर्णायक भूमिका रही। मुख्य विपक्षी इस मामले में बहुत पीछे रह गया। भाजपा को लगातार दूसरी बार पूर्ण बहुमत मिला। ऐसे में विधायक दल की बैठक में योगी आदित्यनाथ के नाम पर सहमति स्वभाविक ही थी। भाजपा विधायक दल के नेता चुन लिए गए।
विधायक दल की बैठक में उनके नाम का प्रस्ताव सुरेश खन्ना ने रखा। सूर्य प्रताप शाही, सुशील शाक्य और अन्य विधायकों ने समर्थन किया। विधायक दल की बैठक में केंद्रीय पर्यवेक्षक एवं गृहमंत्री अमित शाह, सह पर्यवेक्षक रघुवर दास, प्रदेश प्रभारी राधामोहन सिंह, प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और प्रदेश महामंत्री संगठन सुनील बंसल समेत प्रमुख नेता मौजूद रहे। नेता चुने जाने के बाद योगी ने प्रधानमंत्री मोदी, गृहमंत्री अमित शाह समेत पूरी पार्टी के प्रति आभार जताया।
प्रधानमंत्री पिछले कुछ समय में कई बार उत्तर प्रदेश की यात्रा पर आए थे। उनकी प्रत्येक यात्रा यूपी की विकास यात्रा में मील का पत्थर साबित हो रही थी। सभी परियोजनाओं का क्रियान्वयन योगी आदित्यनाथ की अनवरत मेहनत व सक्रियता से संभव हो रहा थी। उसी दौरान नरेंद्र मोदी ने ऐतिहासिक श्री काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का लोकार्पण किया था। इसकी चर्चा दुनिया में हुई। इसके पहले कुशीनगर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट लोकार्पण में तो बीस देशों के प्रतिनिधि शामिल हुए थे। पूर्वांचल एक्सप्रेस वे लोकार्पण अवसर पर युद्धक विमानों के प्रदर्शन को भी दुनिया ने गौर से देखा। मेडिकल कॉलेज निर्मांण में भी यूपी शिखर पर पहुंच गया था। नरेंद्र मोदी ने स्वयं कहा था कि योगी सरकार की सभी उपलब्धियों को गिनाना संभव नहीं है क्योंकि इसके लिए बहुत समय की आवश्यकता होगी।
नरेंद्र मोदी योगी की जमकर सराहना कर रहे थे। उनके अनुसार उत्तर प्रदेश की जनता अब कह रही है- यूपी प्लस योगी, बहुत है उपयोगी। नरेंद्र मोदी ने मंच से इस नारे को कई बार दोहराया था। अपार जनसमूह ने इसका पुरजोर समर्थन किया था। देर तक जनसभा में यह नारा गूंजता रहा।
उसी अवधि में मेरठ से प्रयागराज तक बनने वाले गंगा एक्सप्रेस वे का शिलान्यास हुआ था।
योगी सरकार ने व्यवस्था को सुधारने का बखूबी कार्य किया है। माफियाओं पर नकेल कसी गई। पूर्वांचल एक्सप्रेस वे लोकार्पण के साथ ही उत्तर प्रदेश सबसे ज्यादा एक्सप्रेस वे वाला राज्य बन गया है। बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे, गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे और बलिया लिंक एक्सप्रेस-वे का कार्य प्रगति पर है। सबसे बड़ी गंगा एक्सप्रेस-वे परियोजना अगले करीब दो वर्ष पूरी होगी।
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे का निर्माण गोरखपुर-आजमगढ़ के बीच तेजी से चल रहा है। गंगा एक्सप्रेस-वे लगभग छह सौ किमी लंबी होगी। देश की सबसे लंबी गंगा एक्सप्रेस-वे मेरठ से प्रयागराज तक बनेगी। इसके लिए पंचानबे प्रतिशत से ज्यादा जमीन ली जा चुकी है। डबल इंजन की सरकार, मोदी योगी की जोड़ी, उत्तर प्रदेश में पांच एक्सप्रेस- वे,काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर, श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण,एयरपोर्ट निर्माण और कानून-व्यवस्था की सुदृढ़ स्थिति, माफियाओं की अवैध संपत्ति पर बुलडोजर चलाने आदि को लोगों ने सराहनीय कार्य बताया।
योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश को सर्वोत्तम प्रदेश बनाने की दिशा में प्रभावी कार्य किया। इसी क्रम में वैश्विक स्तर की बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराने के लिए प्रदेश में एक्सप्रेस-वे का संजाल बिछाया जा रहा है। विकास के मामले में सरकार का नजरिया समग्रता का है। सरकार एक्सप्रेस-वे के साथ एयर कनेक्टिविटी पर भी बराबर का जोर दिया। सरकार ने दशकों से लंबित वाण सागर, अर्जुन सहायक नहर, सरयू नहर राष्ट्रीय परियोनाओं को पूरा किया। किसानों को समय से पानी के साथ खाद भी मिले, इसके लिए करीब तीन दशक से बंद गोरखपुर के खाद कारखाने की जगह नया कारखाना लगाया। सबके स्वास्थ्य का सपना साकार करने के लिए गोरखपुर एम्स का भी उद्घाटन हो चुका है। विकास का यह सिलसिला जारी रहेगा। अयोध्या में प्रभु श्रीराम का भव्य मंदिर बन रहा है। उत्तर प्रदेश में आजादी के बाद से पांच वर्ष पहले तक मात्र एक एक्सप्रेस-वे बना था।
आज छह एक्सप्रेस-वे बन रहे हैं। बलिया लिंक एक्सप्रेस-वे, बुंदेलखण्ड एक्सप्रेस-वे, दिल्ली मेरठ एक्सप्रेस-वे, गोरखपुर एक्सप्रेस-वे और अब गंगा एक्सप्रेस-वे की नींव रखी जा रही है। लगभग छह सौ किलोमीटर लंबा यह एक्सप्रेस-वे न केवल प्रयागराज से मेरठ को जोड़ने का काम करेगा, बल्कि इससे रोजगार को भी बढ़ावा मिलेगा। यह आपसी दूरी को कम करेगा। दिलों की दूरी को भी कम करेगा। लोगों को जोड़ने का भी काम करेगा। योगी के नेतृत्व पर पहले भी कोई संशय नहीं था। चुनाव परिणाम आने के साथ ही उनका दावा पहले से अधिक मजबूत हो गया था।