जी के चक्रवर्ती
देश मे जो अभी परस्थितियां हैं उसके अनुसार यदि हम अपने भावी युवा पीढ़ी की बात करें तो आज के युवा स्वमं अपनी जिंदगी के महत्वपूर्ण विषय मे निर्णय लेने में स्वमं पर अधिक विश्वास करते हैं जिसके कारण अक्सर वे अपने जीवन में कैरियर चुनने से लेकर बाहर घूमने-फिरने तक के लिए अपने अभिभावक अर्थात माता-पिता को उसमे शामिल करना तो दूर, बल्कि उनसे राय-परामर्श तक लेना भी उचित नही समझते हैं।
अपनी आंखों में उम्मीद भरे सपने, नयी उड़ान भरता मन आसमानों की ऊंचाइयों को छूती हुई आकांक्षा, कुछ कर दिखाने का दमखम और दुनिया को अपनी मुट्ठी में करने का साहस रखने वाला एक युवा कुछ और ही होता है। किसी भी समाज के नौजवान उसका एक महत्वपूर्ण अंग होता है। हमारा आने वाला भविष्य हमारी युवा पीढ़ी की सोच और उनके प्रदर्शन पर पूरी तरह से निर्भर करती है।
यदि हम सिक्के के दूसरे पहलू पर गौर करें तो बहुत से युवा अपने घर से दूर किसी अन्य स्थान पर होस्टलों में रहकर बहुत ही आर्थिक तंगियो के बीच अपनी पढ़ाई पूरी कर अपने रोजी रोजगार ढूंढने के लिए अपने जीवन की शुरुआत करने निकलते हैं ऐसे में देखा यह जाता है कि आप चाहे कितने पढ़े लिखे क्यों न हो आपको उचित रोजगार या रोजगार ही नहीं मिल पाता है। यही से आज के युवक की जिंदगी की वास्तविक संघर्ष की शुरुआत होती हैं।
किसी भी युवक की रूचि जिस क्षेत्र में हो यदि उसे बचपन से ही आगे बढ़ने का पूरा मौका मिले तो निश्चित रूप से वह युवक भाग्यशाली है। दरअसल आज होता यह है कि अधिकतर घरों में युवाओं के अभिभावक उनके पढ़ाई-लिखाई का बोझ उठाते- उठाते इतने थक चुके होते हैं या उन्हें अपने अन्य जिम्मेदारियों को पूरा करने के जोड़ तोड़ में इतना उलझ चुके होते हैं कि वे अपने घर के युवाओं पर ध्यान केंद्रित नही कर पाते हैं या इसके अन्य अनेको कारण हो सकते हैं ऐसे में अक्सर युवक दिशा विहीन होकर गलत रास्ते का अनुसरण करने लगता है, दूसरी ओर देश की सत्ताशीन सरकार यदि चाहे तो देश के इन बेरोजगार युवकों के हाथों को काम देकर उन्हें गुमराह होने से बचा सकती है।
वर्तमान समय में आई.आई.टी किये हुए एक नौजवान लड़के को एक सम्मानजनक तनखाह की नौकरी नहीं मिल पाती है और यदि मिल भी गयी तो वह नौकरी विदेश की होगी। देश के युवक कुछ नये क्षेत्रों में जैसे अनुसंधान के क्षेत्र में बायोकेमिस्ट्री, बायोटेक्नॉलजी और जेनेटिक्स बहुत अच्छे अनुसंधान क्षेत्र हैं यदि कोई युवक इस क्षेत्र को चुनता है तो उसका आगे आने वाला भविष्य उज्ज्वल हो सकता है इसके साथ ही साथ
फाइनैंस और बैंकिंग जैसे वित्तीय क्षेत्र भी मील का पत्थर साबित हो सकते हैं।
युवा शब्द ही स्वतः मन में उडान और उमंग पैदा करता है। उम्र का यही वह दौर है जब न केवल युवा शक्ति राष्ट्र के भविष्य का निर्माण करता है बल्कि देश में असम्भव को संभव में बदलने की हौसला रखता है। हमारा देश सबसे बड़ी युवा आबादी वाला एक देश है। वर्ष 2018 में संयुक्तराष्ट्र की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत की कुल जनसंख्या में10 से 24 वर्ष की आयु के 35.6 करोड़ युवाओं के साथ भारत विश्व मे सबसे अधिक युवा आबादी वाला एक देश है।
आज का एक सत्य यह भी है कि युवा बहुत मनमानी करते हैं और अपने से बड़े या सही कहे किसी की भी बात नही सुनते हैं। दिशाहीनता की यह स्थिति युवाओं की ऊर्जा को नकारात्मक दिशा की ओर मोड़ कर उनमें भटकाव पैदा करता हैं।
लक्ष्यहीनता आज के युवाओं में इतना अधिक दिग्भ्रम की स्थिति पैदा किया है कि उन्हें सही मार्ग का ज्ञान नहीं हो पाता है। आज के युवाओ मे धैर्य की कमी अत्याधिक होने के साथ ही साथ आत्मकेन्द्रिता, नशा, हिंसा, कामुकता जैसे स्वभाव उनके व्यक्तित्व के अंग बनते जा रहे हैं। जिसका दुषपरिणाम देश के साथ ही साथ उनके अभिभावकों कों ही सहन करना पड़ेगा जोकि एक गंभीर एवं चिंतनीय विषय है !