उपभोक्ता परिषद लंबे समय से पूरे आरडीएसएस स्कीम व स्मार्ट प्रीपेड मीटर योजना की सीबीआई व सीएजी से जांच कराने की उठा रहा था मांग
लखनऊ, 17 मई : मध्यांचल विद्युत वितरण निगम में चीनी कंपोनेंट का मुद्दा अभी शांत भी नहीं हुआ था इसी बीच प्रधान महालेखाकार कार्यालय(सीएजी) द्वारा आरडीएसएस स्कीम की परफॉर्मेंस ऑडिट शुरू कर दी गई और मध्यांचल विद्युत वितरण निगम के प्रबंध निदेशक से क्लस्टर 1 और क्लस्टर 7 की डीपीआर टेंडर फाइल एग्रीमेंट फाइल कॉन्टैक्टर पेमेंट प्रोग्रेस रिपोर्ट बिल और पेमेंट वाउचर सहित स्मार्ट प्रीपेड मीटर वर्क की डीपीआर टेंडर फाइल एग्रीमेंट फाइल कॉरेस्पोंडेंस फाइल कॉन्टैक्टर पेमेंट व प्रोग्रेस रिपोर्ट मांगी गई है। निश्चित ही जब टेंडर पत्रावली का गंभीरता से परीक्षण किया जाएगा तो बहुत ही चौंकाने वाले मामले सामने आएंगे पत्राचार को गंभीरता से देखा जाएगा तो पता चल जाएगा कि किस प्रकार से समय-समय पर चाहे गारंटीड टेक्निकल पर्टिकुलर को अनुमोदित करने का मामला हो वह अन्य मामले हो उसमें बडे पैमाने पर उदासीनता बरती गई है जिसे कहीं ना कहीं देश के बडे निजीकरणों का लाभ होना तय हैं।
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने कहा उत्तर प्रदेश में 3 करोड 30 लाख विद्युत उपभोक्ताओं के घरों में चलते हुए मीटर को उतार कर स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने की 25000 करोड से ज्यादा की लागत वाली स्मार्ट प्रीपेड मीटर योजना व 15000 से 17000 करोड की लागत वाली रिवैंप डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम (आरडीएसएस ) स्कीम के तहत पूरे प्रदेश में होने वाले समस्त कार्यों व स्मार्ट प्रीपेड मीटर योजना की जहां लंबे समय से उपभोक्ता परिषद सी0ए0जी ऑडिट व सीबीआई जांच की मांग करता चला रहा है।
उपभोक्ता परिषद का मानना है कि चाहे वह टेंडर को पहले अधिक वैल्यू के क्लस्टर में निकलने का मामला हो फिर विरोध के बाद उसे कम किया गया परफॉर्मेंस बैंक गारंटी कम की गई भारत सरकार द्वारा तय बेस रेट से 25 से 40प्रतिशत अधिक दर पर टेंडर दिया गया एक ही सेंट्रल परचेज कमेटी में एक ही स्मार्ट प्रीपेड मीटर की अलग-अलग दरें तय की गई स्मार्ट मीटर के अंदर लगने वाल कंपोनेंट में चीनी कंपोनेंट अनुमोदित किया गया विरोध के बाद फिर उसे बदल गया अनेको ऐसे मुद्दे हैं जिसकी सीबीआई से जांच कराने के बाद बडा खुलासा होगा। नई सरकार बनते ही उपभोक्ता परिषद इस पर मुहिम चलाएगा।
उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष ने कहा पूरे आरडीएसएस स्कीम की प्रदेश में सीबीआई से जांच कराना बहुत जरूरी है क्योंकि सही मायने में इस पर करोडों अरबों खर्च हुआ है ऐसे में सच्चाई सामने आना चाहिए कि सही मायने में उसका लाभ प्रदेश के उपभोक्ताओं को मिला अथवा नहीं।