पूरे देश में किसी भी बिजली संकट के दौरान आपदा में अवसर तलाशने वाले पावर एक्सचेंज पर अब केंद्र सरकार की नजरें टेढी हो गई है कभी भी बिजली संकट जब आता है तो पावर एक्सचेंज पर अधिकतम रुपया 20 प्रति यूनिट तक बिजली बेची जाती है अंततः उपभोक्ता परिषद की लंबी लडाई और पूर्व ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा जी के प्रयास से केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय भारत सरकार के हस्तक्षेप के बाद अब केंद्रीय विद्युत नियामक आयोग चेयरमैन श्री पीके पुजारी व 3 सदस्यीय पूर्ण पीठ द्वारा पावर एक्सचेंज के लिए अधिकतम बिजली की सीलिंग रुपया 20 प्रति यूनिट को खत्म करते हुए रुपया 12 प्रति यूनिट की अधिकतम सिलिंग का कानून पारित कर दिया है।
गौरतलब है अधिकतम बिजली की सीलिंग को लेकर 14 अक्टूबर 2021 में उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने प्रदेश के तत्कालीन ऊर्जा मंत्री श्री श्रीकांत शर्मा से लंबी बैठक कर और चर्चा के उपरांत एक प्रस्ताव तैयार करा कर केंद्रीय ऊर्जा मंत्री भारत सरकार को भिजवाया था और उसमें उपभोक्ता परिषद की तरफ से यह मांग उठाई गई थी कि पावर एक्सचेंज की मुनाफाखोरी को रोकने के लिए अधिकतम सीलिंग रुपया 20 को कम करते हुए एक नई सीलिंग कम दर पे बनवाई जाय । अब जिसमे बदलाव कर रुपया 12 प्रति यूनिट की सिलिंग लगाई है क्योंकि कहीं ना कहीं पावर एक्सचेंज महंगी बिजली बेचकर आपदा में अवसर तलाशते हैं और उसका खामियाजा प्रदेश की जनता को भुगतना पडता है।
यह कानून तत्काल प्रभाव से पूरे देश के लिए लागू कर दिया गया है और सभी एक्सचेंजो को यह निर्देश जारी किए गए हैं कि वह अपने सॉफ्टवेयर में बदलाव कर ले सॉफ्टवेयर में अब रुपया 0 से रुपया 12 प्रति यूनिट की अधिकतम सिलिंग होगी जिसके आधार पर ही जो भी बिजली खरीद के टेंडर फाइनल होंगे वह इससे अधिक दर पर नहीं हो सकते।
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने कहा लंबे समय से पावर एक्सचेंजो पर अधिकतम सीलिंग रुपया 20 प्रति यूनिट को कम करने की मांग उठा रहे थे जब सितंबर में भारी बारिश में देश में बिजली संकट आया उस दौरान देखने को मिला कि पावर एक्सचेंज पर मुनाफाखोरी चल रही है और रुपया 20 प्रति यूनिट के ऊपर बिजली बेची जा रही है जिसको लेकर उपभोक्ता परिषद ने प्रदेश प्रदेश सरकार के सामने कई विधिक तर्क रखें अंततः तत्कालीन ऊर्जा मंत्री श्री श्रीकांत शर्मा ने मामले की गंभीरता को समझा और उपभोक्ता परिषद के प्रस्ताव को कानून में बदलाव के लिए केंद्र सरकार को भेजा अंततः अब केंद्र सरकार ने अपने कानून में बदलाव कर दिया है।
अब जिसका लाभ पूरे देश की सभी राज्यों के 25 करोड विद्युत उपभोक्ताओं को प्राप्त होगा यह कोई पहला मामला नहीं है इसके पहले भी उपभोक्ता परिषद की लंबी लडाई पर तत्कालीन ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने चाहे वह किसानों के कनेक्शन की सामग्री पर जीएसटी वसूली को समाप्त कराने का मामला हो चाहे वह उत्पादन इकाईयों की गीली राख पर 300 किलोमीटर तक किराया का बहन उत्पादन निगम को करने का मामला हो सभी पर तत्कालीन ऊर्जा मंत्री के प्रयास के बाद कानून में बदलाव हुआ और आज उसका लाभ पूरे देश के सभी राज्यों को मिलेगा।