पाकिस्तान की संसद में एक नया कानून पास किया गया है, जिसके मुताबिक एक से ज्यादा बलात्कार के मामलों में दोषियों के रासायनिक बंधियाकरण की सजा दी जाएगी। देश में महिलाओं और बच्चियों के खिलाफ हाल ही में बढ़े यौन अपराधों के बाद पाकिस्तान में आम जनता के बीच आक्रोश पैदा हुआ, जिसके बाद दबाव में सरकार ने यह बिल पास किया है।
बुधवार को पाकिस्तानी संसद के संयुक्त सत्र के दौरान नए बलात्कार रोधी कानून के साथ ही 33 अन्य बिल भी पास किए गए। रासायनिक बधिया एक ऐसी प्रक्रिया है जिसे प्रधान मंत्री द्वारा बनाए गए नियमों द्वारा विधिवत अधिसूचित किया जाता है, जिसके तहत एक व्यक्ति अपने जीवन की किसी भी अवधि के लिए संभोग करने में असमर्थ हो जाता है। हालांकि, पाकिस्तान के ही कुछ सांसद इस कानून का विरोध भी कर रहे हैं। जमात-ए-इस्लामी सांसद मुश्ताक अहमद ने इस बिल का विरोध किया और इसे गैर-इस्लामिक, शरिया के खिलाफ बताया।
उन्होंने कहा कि बलात्कारियों को सार्वजनिक रूप से फांसी दी सकता है लेकिन शरिया में बधियाकरण का कोई जिक्र नहीं है। रासायनिक बधियाकरण के तहत ऐसी दवाएं दी जाती हैं, जिससे सेक्शुअल एक्टिविटी कम हो जाए। दक्षिण कोरिया, पोलैंड, चेक गणराज्य और अमेरिका के कुछ राज्यों में रासायनिक बधियाकरण कानूनी है। हालांकि, आलोचकों का यह भी कहना है कि पाकिस्तान में यौन हमलों और बलात्कार के सिर्फ 4 फीसदी मामलों में ही दोषी को सजा मिलती है।