विद्युत नियामक आयोग का बड़ा फैसला: बिजली कम्पनियों में हडकम्प
नोयडा में कुछ विद्युत वितरण खण्डों में निर्माण कार्य के लिये दिये गये अस्थायी कनेक्शन पीडी केस अवैध लाइन बनाकर चोरी सहित अनेकों अनियमितता के मामले पर उपभोक्ता परिषद द्वारा विद्युत नियामक आयोग में 24 सितम्बर को दाखिल लोक महत्व जनहित प्रत्यावेदन जिसमें यह मुददा उठाया गया था कि आयोग अविलम्ब विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 128 के तहत एक इन्वेस्टिगेशन अथारटी बनाकर पूरे नोयडा के सभी खण्डों की जॉंच करायें क्योकि यह बहुत गंभीर मामला है जिसमें 100 करोड तक की राजस्व की क्षति की पूरी संभावना है।
उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष ने नियामक आयोग चेयरमैन आर पी सिंह से बात कर पूरे मामले की गंभीरता को बताते हुये यह भी अवगत कराया था कि उपभोक्ता परिषद अनेकों साक्ष्य देने को तैयार है जो स्वतः सिंद्ध कर देंगे कि करोडों का बंदरबाट हुआ है और यह बडा घोटाला साबित हो सकता है।
परिषद द्वारा दाखिल याचिका पर आज उस समय नया मोड आ गया जब विद्युत नियामक आयोग द्वारा पूरे मामले की गंभीरता को देखते हुये अपनी कार्यवाही शुरू कर दी है उसी क्रम में आयोग के सचिव संजय कुमार सिंह द्वारा उप्र राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद की तरफ से दाखिल जनहित प्रत्यावेदन पर पावर कारपोरेशन के प्रबन्ध निदेशक से एक सप्ताह में पूरी विस्तृत रिपोर्ट तलब की गयी है। आयोग द्वारा उठाये गये इस कदम के बाद बिजली कम्पनियों में हडकम्प मच गया है।
उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा का कहना है कि जिस प्रकार से नोयडा काण्ड में रोज नये नये खुलासे हो रहे हैं और अब यह भी मामला सामने आया है कि जिन प्रकरणों में अनियमिततायें हैं उनकी पत्रावली भी गायब की जा रही हैं ऐसे में उप्र विद्युत नियामक आयोग द्वारा उठाया गया कदम बहुत ही सराहनीय है अब इससे कोई भी भ्रष्टाचारी बच नही पायेगा।