कोई भी वह पॉलिसी, जो उपभोक्ताओं के विरोध में है उसका विरोध होगा: उपभोक्ता परिषद
लखनऊ 24 जून 2023 : केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए दिन और रात्रि के लिए अलग बिजली दर कानून पर उपभोक्ता परिषद ने खोला मोर्चा कहा पूरे देश के उपभोक्ता संगठन एक मंच पर आकर करेंगे इसका विरोध नहीं लागू होने देंगे यह कानून इससे घरेलू उपभोक्ताओं के साथ होगा बडा धोखा।
केंद्र का क्या है कानून दिन में 10 से 20 प्रतिसत सस्ती और रात में 10 से 20 प्रतिसत महंगी हो सकती बिजली केंद्र को क्या यह नहीं है मालूम की घरेलू विद्युत उपभोक्ता अपने कुल उपभोग का 30 प्रतिसत दिल में और 70 प्रतिसत रात्रि में करते हैं उपभोग ऐसे में रुपया 2 जेब में डालकर रुपया 5 निकालने की साजिश का करेंगे भंडाफोड।
उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष ने भारत सरकार के केंद्रीय ऊर्जा सचिव आलोक कुमार से बात कर इस कानून का किया विरोध कहा इससे घरेलू विद्युत उपभोक्ता होंगे तबाह केंद्र सरकार इस तुगलकी कानून पर करें पुनर्विचार। यह कानून देश के घरेलू उपभोक्ताओं को तबाह करने वाला है कानून।
गरीब घरेलू उपभोक्ता दिन में अपनी रोजी रोटी के लिए करेंगे काम और रात्रि को पंखा चला कर जब सुखाना चाहेंगे पसीना तो लगेगी उन पर बिजली की मार अब यह कैसा कानून की गरीब आम जनता चौन से सो भी नहीं सकती केंद्र द्वारा बनाए जा रहे उपभोक्ता विरोधी कानून की सीबीआई जांच की जरूरत।
केंद्र सरकार ने विद्युत उपभोक्ता अधिकार नियम 2020 में संशोधन के माध्यम से बिजली टैरिफ प्रणाली में दो बदलाव पेश किए हैं जिसमें दिन के समय की टीओडी मतलब दिन और समय की टैरिफ की शुरुआत और स्मार्ट मीटरिंग प्रावधान का युक्तिकरण सब मिलाकर यह कहना उचित होगा यह उत्तर प्रदेश के घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं के लिए बहुत ही घाटे का सौदा है।
उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष का कहना है कि केंद्र बडी चालाकी से कभी विदेशी कोयला खरीदवाने का दबाव डालती है कभी रुपया 6000 प्रति स्मार्ट मीटर को रुपया 10000 प्रति स्मार्ट मीटर खरीदने के लिए दबाव डालती है अब यह कानून बना दिया कि 1 अप्रैल 2025 से सभी आम उपभोक्ताओं के लिए दिन और रात की बिजली दरें अलग हो जाएगी शायद केंद्र सरकार को यह नहीं पता कि उत्तर प्रदेश में विद्युत नियामक आयोग द्वारा स्मॉल और मीडियम पावर पब्लिक लैंप इलेक्ट्रिक वाईइकिल भारी उद्योग के लिए पहले से ही टीओडी दिन और समय का टैरिफ लागू कर रखा है क्योंकि घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं के ऊपर यह प्रावधान लागू करने से उनका बहुत बडा नुकसान होगा इसलिए विद्युत नियामक आयोग इसे बहुत पहले ही मना कर चुका।
परिषद अध्यक्ष का कहना है कि केंद्र सरकार का या कानून घरेलू उपभोक्ताओं के लिए उसी प्रकार होगा कि केंद्र द्वारा 2 रुपए का लाभ देकर देकर रुपया 5 की वसूली की साजिश हो रही है। उपभोक्ता परिषद ने ऐलान किया है इस कानून को रोकने के लिए पूरे देश के सभी राज्यों के उपभोक्ता संगठन एक मंच पर आएंगे और केंद्र सरकार के खिलाफ बडा आंदोलन करेंगे लेकिन किसी भी हालत में इस कानून को लागू नहीं होने देंगे।
कोई भी पॉलिसी जो उपभोक्ताओं के विरोध में है उसका विरोध होगा: अवधेश कुमार वर्मा
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने आज इस पूरे गंभीर मामले पर केंद्रीय उर्जा सचिव भारत सरकार आलोक कुमार से बात कर इसका विरोध किया उनके द्वारा यह तर्क दिया गया कि यह नेशनल पॉलिसी है उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष ने कहा कोई भी पॉलिसी जो उपभोक्ताओं के विरोध में है उसका विरोध होगा इसलिए इस पर सरकार पुनर्विचार करें।
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने कहा पूरे उत्तर प्रदेश में लगभग 3 करोड 30 लाख विद्युत उपभोक्ता प्रदेश में है जिसमें से लगभग 2 करोड 85 लाख विद्युत उपभोक्ता घरेलू है और सबसे बडी बात यह है कि उसमें से गरीब विद्युत उपभोक्ता जो लाइफलाइन कैटेगरी में आते हैं उनकी भी संख्या लगभग 1 करोड 30 लाख के बराबर हैअब केंद्र सरकार को शायद यह नहीं पता है कि उत्तर प्रदेश में रात्रि 8 से 12 बजे पीक आवर्स आता है भारत सरकार द्वारा बनाई गई नियमावली में कहां गया है की सौर घण्टो के दौरान यानी दिन में 10 से 20 प्रतिसत बिजली दर में कमी हो सकती है और पीक आवर्स के घंटों के दौरान यानी रात्रि में 10 से 20 प्रतिसत की बढोतरी हो सकती है केंद्र सरकार को शायद यह नहीं मालूम कि पूरे देश में घरेलू विद्युत उपभोक्ता का जो कुल उपभोग है उसका लगभग 70 प्रतिशत उपभोग रात्रि का होता है और 30 प्रतिसत उपभोग दिन का होता है जब 70प्रतिसत उपभोग के समय बिजली महंगी होगी तो कहां से घरेलू विद्युत उपभोक्ता को इसका लाभ मिल जाएगा यह तो वही वाली बात हुई कि रुपया2 जेब में डाल कर और दूसरी जेब से रुपया5 निकाल लेना केंद्र सरकार हमेशा उद्योगपतियों के ही फायदे की बात क्यों करती है और खास तौर पर ऊर्जा मंत्रालय हमेशा से ही उद्योगपतियों को फायदा देने के लिए आमादा है।
उन्होंने कहा कि उपभोक्ता परिषद अनेकों बार मांग कर चुका है कि केंद्र सरकार द्वारा जिस प्रकार से विद्युत अधिनियम 2003 के प्रावधानों के विपरीत रूल बनाए जा रहे हैं उस की सीबीआई जांच कराई जाए।उपभोक्ता प्रदेश अध्यक्ष ने कहा गरीब घरेलू उपभोक्ता जो रोजी-रोटी कमाने के लिए दिनभर धूप बारिश में मेहनत करके जब रात्रि को पंखे में सोना चाहेगा तब उसकी बिजली महंगी हो जाएगी यह तो अंग्रेजों के जमाने से भी ज्यादा कठिन कानून है मतलब चौन की नींद भी नहीं सोने देगी या सरकार सरकार अपने इस तुगलकी फैसले पर विचार करें और घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं को इस पद से बाहर करें जिस प्रकार से किसानों को किया गया।