बाबा साहब डॉ अम्बेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण और विचार गोष्ठी का आयोजन
लखनऊ। संविधान दिवस पर रविवार को बीबीएयू में अम्बेडकर यूनिवर्सिटी दलित स्टूडेंट्स यूनियन की ओर से कई कार्यक्रम आयोजित किए गए। सभी कार्यक्रमों में भारतीय संविधान को दुनिया के सर्वोत्तम संविधान की संज्ञा देते हुए उसकी रक्षा और सुरक्षा का संकल्प लिया गया।एयूडीएसयू ने सुबह संविधान यात्रा निकालकर संविधान का गुणगान किया। साथ ही संविधान के अनुकूल ही रहने का संकल्प लिया।
सामाजिक चिंतक और छात्र धीरज कनौजिया ने कहा कि बाबा साहब डॉ अम्बेडकर ने दिन रात मेहनत करके दो वर्ष ग्यारह माह , अठारह दिन में रात दिन काम करके भारत के संविधान को तैयार किया। 26 नवम्बर 1949 को भारतीय संविधान सभा को संविधान सौंपते हुए उन्होंने कहा था कि आज से हम दोहरी जिंदगी में प्रवेश कर रहे हैं, एक ओर सभी को समान वोट का अधिकार होगा, दूसरी तरफ सामाजिक और आर्थिक गैरबराबरी होगी, यदि समय रहते इस गैरबराबरी को दूर न किया गया तो कठिन परिश्रम से तैयार किए गए इस संविधान का कोई मतलब नहीं। जब तक बहुजन समाज का केंद्र की सत्ता पर अधिकार नहीं होगा, भारतीय संविधान ठीक से लागू नहीं हो सकता।
भारतेन्दु कुमार ने कहा कि भारत सरकार आजादी का अमृत महोत्सव मना चुकी है, फिर भी संविधान की व्यवस्थाएं ठीक से लागू नहीं हो पाईं,यह गंभीर चिंता का विषय है। देश में गरीबी और अमीरी के बीच खांई कम होने के बजाय और बढ़ी है। शशि कुमार, राजदीप बेनीवाल, प्रशांत कुमार,चित्रांशु भास्कर, पवन चौधरी, रंजन, विकास,गौरव प्रताप, प्रवीण, अंकित आदि मौजूद रहे।