जी के चक्रवर्ती
आज हमारा देश बहुत तेजी से बदल रहा है, जिसके कारण डिजिटल और e मुद्रा जैसी अत्याधुनिक अर्थव्यवस्था हमारे यहां तेजी से फैल रहीं है। अभी तक हम और आप e रिक्शा, eस्कूटर जैसी चीजों के नाम सुनते रहते हैं लेकिन अब e करेंसी जैसा एक और शब्द जोरों से सुनाई देने लगा है। दरअसल e मुद्रा एक मौद्रिक प्रणाली है, लेकिन हम और आप मे से बहुतों को, इस तरह के मुद्रा या रुपयों के विषय में बहुत ही कम जानकारियाँ है और इससे कैसे लेन-देन किया जायेगा। आइये आज हम इसे जानने का प्रयास करते हैं।
मौजूदा समय में हमारे देश की सरकार द्वारा जल्द ही ई-रूपी (e-RUPI) या सीबीडीसी (केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा) अर्थात “अंकीय मुद्रा” को लाने की तैयारी में है। भारतीय रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) द्वारा पिछले ही दिनों इसके विषय में एक संकेत भी दिया जा चुका हैं।
यह ई-वाउचर-आधारित डिजिटल पेमेंट सॉल्यून अर्थात ” अंकीय भुगतान समाधान” है, जोकि e-RUPI होगा। इसका मुख्य उद्देश्य अंकीय भुगतान को आसान और सुरक्षित बनाना है। e-RUPI को “नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया” (National Payments Corporation of India) ने वित्तीय सेवा विभाग, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय और राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण जैसी संस्थाओं द्वारा मिलकर तैयार किया गया है।
क्या आप जानते हैं कि डिजिटल करेंसी यानी आरबीआई का ई-रुपी (e-RUPI) क्या है? यह कैसे काम करेगा और इसके क्या फ़ायदे हैं?
दरअसल e-RUPI एक नकद (कैश) और कॉन्टैक्ट लैस पेमेंट यानिकी (संपर्क रहित भुगतान ) करने वाला प्रणाली होगा। यह क्यू-आर कोड और SMS स्ट्रिंग पर आधारित है जो ई-ज़ामिन ( e-voucher) के रूप में काम करेगा और इस सेवा में उपभोगकर्ता को भुगतान करने के लिए न तो किसी तरह की डेबिट या क्रेडिट कार्ड, डिजिटल पेमेंट ऐप और नही इंटरनेट जैसी सुविधाओं की आवश्यकता होगी। इसीलिए भारतीय रिज़र्व बैंक ने कहा है कि सीबीडीसी एक ऐसा ऑफ़लाइन प्रणाली विकसित की जा रही है जिसमें डिजिटल रुपयों का भी लेनदेन करना संभव हो सके। यह काग़ज़ी मुद्रा की ही तरह काम करेगी और डिजिटल मुद्रा की वर्तमान समय में चलन में मौजूद कागज की मुद्रा के मूल्य के बराबर और लेन -देन करने में इसके जैसा ही होगा, यह ठीक रुपयों की ही तरह सभी जगह स्वीकार भी किया जायेगा।
इससे फायदा क्या होगा?
हमारे देश में e-RUPI प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कई तरह से किया जा सकता है। इसमें आयुष्मान भारत जैसे कल्याण कारी प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना, खाद में छूट जैसी सरकारी योजनाओं में भी मददगार होगा, यदि हम निजी क्षेत्र क्षेत्रों की बात करें तो यहाँ के कर्मचारियों के कल्याण और “कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी प्रोग्राम्स” के रूप में इनका इस्तेमाल किया जा सकेगा। इस तरह के डिजिटल भुगतान समाधान का उद्देश्य ऑनलाइन भुगतान को और भी सरल एवं सुरक्षित बनाना है। दरअसल इसमें मुख्य रूप से भारतीय रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया देश में भौतिक रूप में नकद रूपयों के छपाई से लेकर रखरखाव जैसे प्रबंधन में आने वाली भारी-भरकम खर्चों को खत्म या कम करने के इरादे के अलावा आरबीआई भुगतान प्रणाली की कार्यक्षमता को भी बढ़ाना चाहती है।
डिजिटल मुद्रा एक ऐसी आभासी मुद्रा होगी जो सभी प्रकार के जोखिमों से मुक्त होने के साथ-साथ आभासी मुद्रा की ऑफ़लाइन सुविधा भी उपलब्ध होने के कारण देश के सुदूरवर्ती क्षेत्रों में भी काम करने में सक्षम होगी जहां पर आज भी बिजली, मोबाइल और नेटवर्क जैसी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध नहीं है।