बच्चों को फुल कपड़े पहनाएं तथा सोते समय मच्छरदानी लगाएं
कोरोना के बाद अब डेंगू के प्रकोप के बढ़ते तेजी से आंकड़े उत्तर प्रदेश में डरा रहे हैं लोग सावधधान की मुद्रा में हैं। कहते हैं कि बीमारी के बारे में यह कहा नहीं जा सकता कि वह कब गंभीर रूप ले ले। किसी समय वह साधारण लगती है लेकिन कुछ ही समय बाद गंभीर रूप धारण कर लेती है। उदाहरण के लिए डेंगू को ही ले लीजिए। जब ये बीमारी शुरू हुई थी तो इतनी गंभीर नहीं थी लेकिन अब उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में इसका प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है। मंगलवार को शहर में डेंगू के एक दिन में सर्वाधिक 26 मरीज मिले। एक साथ इतनी बड़ी संख्या में मरीजों में डेंगू की पुष्टि से स्वास्थ्य अधिकारियों में हड़कंप मच गया।
इस बारे में एक रिपोर्ट बताती है कि इन मरीजों में से स्वास्थ्य विभाग की स्टेट लैब 12 मरीजों की इलाज रिपोर्ट पाजिटिव आई जबकि 14 मरीज कार्ड जांच में पॉजिटिव मिले हैं। इनमें चार मरीजों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती करना पड़ा है। बाकी घरों में रहकर इलाज करा रहे हैं। बलरामपुर अस्पताल में सर्वाधिक 11 लोगों में डेंगू की पुष्टि हुई है जबकि लोकबंधु अस्पताल की ओपीडी में आए 11 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव पाई गई है। गम्भीर मरीजों को अस्पताल में भर्ती कर इलाज किया जा रहा है। वहीं सिविल अस्पताल में चार लोगों में डेंगू की पुष्टि हुई है जबकि दो मरीजों को भर्ती कराया गया है। इस तरह यह बात सामने आती है कि डेंग की बीमारी धीरे-धीरे अपना पांव फैला रही है।
ऐसे में यह जरूरी हो जाता है कि इसके प्रसार के लिए जिम्मेदार कारकों पर सख्ती से नियंत्रण के उपाय किए जाएं। शहर में साफ-सफाई हो तथा कूलर, गमला, घर के पास पानी जमा न हो। पानी एक सप्ताह में बदला जाय। घरों में कीटनाशक दवाएं छिड़की जाएं, बच्चों को फुल कपड़े पहनाएं तथा सोते समय मच्छरदानी लगाएं। ये उपाय सभी को अपनाने चाहिए। इसके साथ बुखार आने पर तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी भी जरूरी है। इन उपायों को अपना कर डेंगू जैसी बीमारी से बचाव संभव है। स्वास्थ्य विभाग को भी चाहिए कि वह इस बारे में पर्याप्त जागरूकता बरतने के उपाय करे तथा इसके इलाज में किसी तरह की रुकावट नहीं आने दे।