लखनऊ, 28 जून, 2021: उपभोक्ता परिषद का कहना है कि पूरे प्रदेश में सभी बिजली कंपिनयों में साल भर में लगभग 3000 करोड़ की सामग्री चाहे वह मीटर हो ट्रांसफार्मर हो केबिल हो कन्डक्टर हो या कोई अन्य सामग्री की खरीद की जाती है स्टोरो में सामग्री मांगने के पहले 2 अभियंताओ की एक टीम फर्म की फैक्टरी में जाकर सामग्री का निरीक्षण परीक्षण मानक के अनुसार करने के उपरांत सामग्री पास होने पर ही उसका डिस्पैच स्टोरो को किया जाता है लेकिन सभी बिजली कंपिनयों कुछ अभियंताओ का एक बड़ा रैकेट फर्मो के साथ सांठ-गांठ कर केवल कमीशन लेकर औपचारिकता करते हुए घटिया सामग्री को पास किया जा रहा है जिससे बड़े पैमाने पर विभाग को घटिया सामग्री प्राप्त हो रही है और उसका खामियाजा उपभोक्ता भुगत रहे है।
इस मामले को लेकर उप्र राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने प्रदेश के ऊर्जामंत्री श्री श्रीकांत शर्मा से बात की और एक लोकमहत्व जनहित प्रत्यावेदन सौपते हुए बताया कि उपभोक्ता सामग्री जो विभिन्न फर्मो से क्रय की जाती है चाहे वह मीटर हो ट्रांसफार्मर हो केबिल हो कन्डक्टर हो या कोई अन्य सामग्री उसकी गुणवक्ता उच्च कोटि को हो उसके लिए जरूरी है जो भी अभियंता या थर्ड पार्टी के लोग फर्म में निरीक्षण परीक्षण करने जाते है वह पारदर्शी तरीके से पूरी टेस्टिंग करे बड़े दुर्भाग्य की बात है की अभियंता 99 प्रतिशत सभी सामग्री को पास करके ही आते है भले ही उनकी गुणवक्ता खराब हो अनेको बार तो ऐसा भी देखने को मिला की अभियंता बिना फर्म में जाये ही निरीक्षण परीक्षण की रिपोर्ट फर्म से साठ गाठ कर तैयार कर लेते है और अंतता घटिया उपभोक्ता सामग्री का खामियाजा उपभोक्ता भुगतते है । कमीशन के चलते कुछ अभियंता घर बैठ कर ही कर देते है निरीक्षण परीक्षण खामियाजा भुगते है उपभोक्ता सामग्री की निरक्षण परीक्षण में बड़ा रैकेट कर रहा काम ।
उपभोक्ता परिषद् द्वारा माननीय ऊर्जामंत्री को सौपे गये प्रस्ताव पर तत्काल ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा जी ने अपरमुख्य सचिव ऊर्जा को लिखित में यह निर्देश दिया की की उपभोक्ता परिषद् के प्रस्ताव पर गम्भीरता से परीक्षण कर उपभोक्ता हित में कार्यवाही कराई जाय ऊर्जा मंत्री ने कहा घटिया सामग्री वाली फर्मो के खिलाफ कठोर कार्यवाही की जरुरत है साथ ही जो भी अभियंता ऐसे मामलो में संलिप्त पाया जायेगा कठोर कार्यवाही कराई जाएगी।