वाराणसी, 03 सितम्बर, 2021: हिंदी भाषी क्षेत्र के बच्चों को अंग्रेजी में इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने में अक्सर दिक्कत का सामना करना पड़ता है। इस कमी को दूर करने की पहल आईआईटी बीएचयू ने की है। आईआईटी-बीएचयू देश का पहला ऐसा इंजीनियरिंग कॉलेज होगा जिसने बीटेक की पढ़ाई अंग्रेजी माध्यम के बजाए हिंदी में कराने की पहल की है।
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (काशी हिन्दू विश्वविद्यालय) में आयोजित हिन्दी पखवाड़ा के उद्घाटन में संस्थान के निदेशक और राजभाषा समिति के अध्यक्ष प्रो प्रमोद कुमार जैन ने कहा नई शिक्षा नीति में शिक्षा का माध्यम मातृभाषा किया जाना है, जिसके लिए आईआईटी (बीएचयू) हिन्दी माध्यम से प्रथम वर्ष की पढ़ाई शुरू करने की तैयारी कर रहा है। उन्होंने कहा इंजीनियरिंग को बढ़ावा देना है तो संबंधित क्षेत्र की भाषा का सम्मान देना होगा। उन्होंने हिन्दी में कार्य करने के लिए कार्यालयों में सहकर्मियों को बधाई दी और साथ ही कक्षाओं, विभागों और कार्यालयों में हिन्दी में ज्यादा से ज्यादा कार्य करने की अपील की।
इसके अलावा संस्थान की राजभाषा कार्यान्वयन समिति के उपाध्यक्ष आचार्य अनिल कुमार त्रिपाठी ने भी हिन्दी भाषा के महत्व पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर पखवाड़ा समिति के अध्यक्ष आचार्य संजय कुमार पांडेय ने हिन्दी पखवाड़ा के उद्देश्य के बारे में जानकारी दी। कुलसचिव राजन श्रीवास्तव ने वर्ष 2020-21 में संस्थान में हिन्दी में किये गए कार्यों और उपलब्धियों के बारे में जानकारी दी। मालूम हो कि पिछले साल ही शिक्षा मंत्रालय की ओर आईआईटी की पढ़ाई हिंदी भाषा करने पर विचार हुआ था और फिर इसको लेकर तैयारी करने के लिए आईआईटी-बीएचयू को भी कहा गया था। हालांकि कोराना काल के चलते यह नई योजना बीच में रुक गई थी।