आजादी का अमृत महोत्सव थीम पर होगा बुक फेयर
लखनऊ, 28 सितम्बर 2021: दस दिवसीय अठारहवां राष्ट्रीय पुस्तक मेला राणाप्रताप मार्ग मोतीमहल वाटिका लान लखनऊ में पहली अक्टूबर से लगेगा। दि फेडरेशन ऑफ पब्लिशर्स एण्ड बुकसेलर्स एसोसिएशन्स इन इण्डिया, नई दिल्ली के सहयोग से के.टी.फाउण्डेशन व फोर्सवन द्वारा आजादी का अमृत महोत्सव थीम पर यह मेला 10 अक्टूबर तक चलेगा। मेले का उद्घाटन एक अक्टूबर को शाम पांच बजे होगा। हर किताब पर कम से कम 10 फीसदी छूट के साथ मुफ्त प्रवेश वाले मेले में विमोचन, परिचर्चा, लेखक से मिलिये आदि विविध साहित्यक, कवि सम्मेलन, सांस्कृतिक कार्यक्रम व प्रतियोगिताएं बराबर चलेंगी। पुस्तक मेले में प्रमुख आकर्षण महिला हेल्पलाइन पिंक बूथ रहेगा।
प्रेस वार्ता में संयोजक मनोज सिंह चंदेल ने बताया कि मेले की थीम “आजादी का अमृत महोत्सव“ पर रहेगी। उन्होंने बताया कि कोराना महामारी के कारण पुस्तक व्यापार को मोटे तौर पर 26 हजार करोड़ से भी ज्यादा का भारी नुकसान हुआ है। इसमें से 80 प्रतिशत शैक्षिक पुस्तकें हैं। केंद्र और राज्य सरकार ने महामारी को नियंत्रित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए हैं और 10 करोड़ से अधिक टीकाकरण खुराक का आंकड़ा हासिल किया है और आयोजनों के मानदंडों को आसान बनाया है। इस क्रम में हमारी समिति ने कोविड नियमों का पालन करते हुए 18वें राष्ट्रीय पुस्तक मेले के आयोजन की पहल की है।
संरक्षक राकेश जैन ने बताया कि मेले को स्थानीय स्मार्ट सिटी, नगर निगम, पुलिस कमिश्नरेट कस सहयोग प्राप्त है। वे भी अपनी परियोजनाओं व उपलब्धियों का प्रदर्शन करेंगे। मेले में महिला हेल्पलाइन पिंक बूथ भी होगा और फूड जोन भी। मुख्य संरक्षक मुरली धर आहूजा ने कहा कि पुस्तक विमोचन, लेखक से मिलें, कवि सम्मेलन, मुशायरा जैसे विभिन्न कार्यक्रम होंगे। गायन एवं नृत्य, प्रश्नोत्तरी, ड्राइंग, स्लोगन लेखन, कहानी लेखन प्रतियोगिता, जादू-कठपुतली शो के साथ बच्चों के लिए ऑनलाइन प्रतियोगी कार्यक्रम भी होंगे। मेले में आई-क्यू, एसिलॉर व ऑप्टीप्रेन्योर के सौजन्य से पुस्तक प्रेमियों के लिये परामर्श व सर्वेक्षण के संग आई चेकअप कैम्प दसों दिन चलेगा।
मेले की सफलता का श्रेय भागीदारों, प्रकाशकों और बड़ी तादाद में आने वाले पुस्तक प्रेमियों को जाता है। यहां दस दिन चलने वाले इस मेले का भागीदार प्रकाशकों व पुस्तक वितरकों कों इंतजार रहता है वहीं मेले में हजारों पाठक और खरीदार कई-कई बार आते हैं। मेले और मेले में आए पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम जैसे अतिथियों से प्रेरित होकर घरों में पुस्तकालय स्थापित करने, बुक क्लब बनाने और खरीदकर पुस्तक पढ़ने जैसी गतिविधियां इस मेले की ही देन हैं।