आज बेरोजगारी भारत का बड़ा मुद्दा है लेकिन यह भी समझना पडेगा कि बेरोजगारी की समस्या कई देशों में है। भारत में भी है। यहां यह समस्या इसलिए गंभीर है क्योंकि जनसंख्या बहुत ज्यादा है और उसके अनुपात में बेरोजगारों की संख्या भी अधिक है। इसलिए यह जरूरी है कि बेरोजगारी की समस्या को हल करने के लिए गंभीर प्रयास किए जाएं। कहने की जरूरत नहीं कि इस ओर सरकार को ही ज्यादा ध्यान देना होगा। यह अच्छी बात है कि सरकार ने इस ओर अब अपने कदम बढ़ाए हैं। हजारों लोगों को रोजगार से लगाने का दिवाली से अच्छा मौका और कौन सा हो सकता था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रोजगार मेले के पहले खंड में 75000 लोगों को नियुक्ति पत्र दिए हैं। इस मौके पर उन्होंने कहा कि यह सच है कि वैश्विक स्थिति बहुत अच्छी नहीं है। कई देशों में महंगाई और बेरोजगारी जैसी समस्याएं चरम पर हैं। किसी को नहीं लगता कि सदी में एक बार आने वाली ऐसी महामारी के दुष्प्रभाव सौ दिन में दूर हो जाएंगे। मोदी ने कहा कि इसके बावजूद भारत इन समस्याओं से बचने के लिए नई पहल कर रहा है और कुछ जोखिम उठा रहा है। यह एक चुनौतीपूर्ण काम है लेकिन अब तक हम ऐसा कर पाए हैं।
उन्होंने कहा कि यह इसलिए संभव हुआ क्योंकि सरकार ने उन कमियों को दूर किया जो अर्थव्यवस्था के लिए बाधा थी। सरकारी विभागों की दक्षता बहत बढ़ गई है और भारत आठ वर्षों में पांचवें स्थान पर पहुंच गया है। उन्होंने मुद्रा योजना कि तहत दिए गए ऋण की रेकार्ड राशि का हवाला दिया जिसके तहत संभावित उद्यमियों को धन दिया जाता है।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार युवाओं के लिए ज्यादा से ज्यादा रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए कई मोर्चों पर काम कर रही है। सरकार युवाओं के कौशल को उन्नत करने पर जोर देने के साथसाथ कृषि, एमएसएमई और अन्य क्षेत्रों को बढ़ावा देने के लिए काम कर रही है। स्किल इंडिया के तहत सवा करोड़ से अधिक लोगों को प्रशिक्षित किया गया है। इस तरह स्पष्ट है कि सरकार रोजगार के मोर्चे पर पूरी गंभीरता के साथ काम कर रही है।