पाषाण युग के घुमक्कड़ शिकारियों के पास थी शरीर रचना और चोट की उन्नत चिकित्सा की जानकारी
लंदन। गुफाओं में रहने वाले लोगों ने करीब 31 हजार साल पहले पहली सर्जरी कर मरीज की जान बचाई थी। वैज्ञानिकों को दुनिया के सबसे पहले हुए सफल अंग-विच्छेद के प्रमाण मिले हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार बोर्नियो के एक सुदूर कोने में इन हड्डियों के अवशेष मिले हैं।
अंग-विच्छेद यानी शरीर के हाथ-पांव में किसी हिस्से के बेकार या खराब हो जाने पर उसे काट कर अलग कर देना ताकि बाकी शरीर को नुकसान से बचाया जा सके। इससे पहले फ्रांस में इसके प्रमाण मिले थे। विशेषज्ञों के मुताबिक, एक जगह रुक कर खेतीबाड़ी करने वाले समुदायों में इस तरह के ऑपरेशन किए जाते थे। हालांकि, नई खोज से यह पता चलता है कि वर्तमान के इंडोनेशिया में ईस्ट कालीमंतान प्रांत में रहने वाले पाषाण युग के घुमक्कड़ शिकारियों के पास शरीर रचना और चोट की उन्नत चिकित्सा की जानकारी थी।
अंगों की संरचना, मांसपेशियों और नाड़ी तंत्र की विस्तृत जानकारी थी पुराने वैद्यों के पास:
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार ऑस्ट्रेलिया की ग्रिफिथ यूनिवर्सिटी के रिसर्च फेलो टिम मैलोनी के मुताबिक, इस चिकित्सा के विकास के बारे में जो हमारी समझ थी, वह बिल्कुल बदल गई है। मैलोनी ने कहा कि यह बिल्कुल साफ और तिरछा है। वास्तव में चीरे की आकृति और सतह को हड्डी में देखा जा सकता है। मरीज की उम्र 20 वर्ष रही होगी। उन्होंने कहा कि इससे पता चलता है, अंगों की संरचना, मांसपेशियों और नाड़ी तंत्र की विस्तृत जानकारी थी। ऑपरेशन के बाद नर्सिंग और देखभाल जरूर हुई होगी। घाव को नियमित रूप से साफ किया गया, पट्टियां बदली गईं।
गुफा में मिला कंकाल:
यह कंकाल 2020 में लियांग टेबो गुफा में मिला था जो 40 हजार साल पुराने भित्तिचित्र के लिए (सबसे पुरानी चित्रकला) जाना जाता है। वैज्ञानिकों को मिला कंकाल गाद के नीचे बिल्कुल सुरक्षित बचा हुआ था। इस कंकाल का एक टखना और पैर नहीं है। बाकी बचे पैर के हड्डी का आकार थोड़ा अलग है जो दिखाता है कि साफ तौर पर जान बूझ कर एक हिस्सा काट कर निकाला गया है जिसके बाद उसमें थोड़ा विकास हुआ है।
9 साल तक जिंदा रहा:
रिपोर्ट के अनुसार मैलोनी ने कहा, अंग-विच्छेद की तकलीफ के बावजूद ऐसा लगता है कि ऑपरेशन के बाद भी यह शख्स नौ साल तक जिंदा रहा था। उसके पैर की हड्डियां बढ़ गई थी। सर्जरी इतनी कुशलता से की गई थी कि शरीर में संक्रमण के कोई निशान नहीं मिले हैं।