सीएसआईआर-सीमैप ने आयोजित की आन-लाइन कार्यशाला, निदेशक ने किया उद्घाटन
लखनऊ, 24 नवम्बर 2021: सीएसआईआर-सीमैप में सगंध पौधों के उत्पादन और प्रसंस्करण के संबंध में कार्यशाला आयोजित की गयी। इस कार्यशाला में यूपी, बिहार, उत्तराखंड और महाराष्ट्र के 300 से अधिक किसानों हिस्सा लिया। इस कार्यशाला में संगध पौधों की उन्नत प्रजातियां, जलवायु व पौधों के रखरखाव के सम्बंध में वैज्ञानिकों ने किसानों को जानकारी दी।
हिंदी भाषा में आयोजित आनलाइन दो दिवसीय कार्यशाला में पहले दिन बुधवार को उद्घाटन संस्थान के निदेशक डॉ प्रबोध कुमार त्रिवेदी द्वारा किया गया। निदेशक ने सगंध पौधों के उत्पादन एवं प्रसंस्करण की विधियों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी, जिससे कि भारत को आत्मनिर्भर बनाने में मदद मिल सके।
कार्यक्रम का संचालन डॉ. संजय कुमार, प्रौद्योगिकी प्रसार एवं जैविक प्रौद्योगिकी विभाग एवं मनोज सेमवाल, आईसीटी प्रमुख द्वारा किया गया एवं सह-अध्यक्ष राजभाषा डॉ. करूणा शंकर द्वारा प्रशिक्षाणार्थियों का स्वागत कर हिन्दी कार्यशाला के विभिन्नि पहलुओं पर प्रकाश डाला गया।
कार्यशाला के प्रथम सत्र के दौरान संस्थान के वैज्ञानिकों द्वारा विभिन्न विषयों पर जैसे रोशा घास व नींबू घास के उत्पादन की उन्नत कृषि क्रियाएं, खस व जिरेनियम की उन्नत कृषि क्रियाएं, केमोमिल व गुलाब के उत्पादन की उन्नत कृषि क्रियाएं, सगंध पौधों के आसवन के बाद बचे अवशेषों से वर्मी कंपोस्ट बनाने की तकनीक एवं उनकी विभिन्न विधियों के बारे में चर्चा की गई जिससे कि किसानों उद्यमियों की आय में वृद्धि हो सके और देश को आत्मनिर्भर बनाने में सहयोग मिल सके।
संस्थान के वैज्ञानिकों डॉ. संजय कुमार, डॉ राजेश कुमार वर्मा, डॉ. आर के श्रीवास्तव एवं पूर्व निदेशक आलोक कालरा द्वारा हिंदी में मार्मिक रूप में अपना प्रस्तुतीकरण किया, जिससे प्रशिक्षणार्थियों ने ज्ञानार्जन किया और उनके प्रश्नों का समाधान किया। कार्यशाला के प्रथम दिन का समापन धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ धन्यवाद ज्ञापन हिन्दी अधिकारी श्री शिव प्रकाश द्वारा किया गया। तकनीकी सत्र का संचालन ड्रा रूषीकेश द्वारा किया गया।