नज़्म ओ नस्क़ और आईन के तहफ़्फ़ुज़ के लिए इकि़्तदार की मुन्तक़िली ज़रूरी
लखनऊ, 20 फ़रवरी। देश प्रदेश में नफरत की सियासत की जगह मुहब्बत की राजनीति को अहमियत देना वक़्त का बड़ा तक़ाज़ा है। ऐसा आज नहीं कर पाए तो न सिर्फ अपने लिए, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी बिगड़ा भविष्य छोड़कर जायेंगे। लिहाजा हमें अपने अधिकार और देश के संविधान की रक्षा के लिए फौरन ही खड़े होना होगा और लोकतंत्र के पर्व में पूरी जिम्मेदारी से भागीदारी निभानी होगी।
ये विचार दानिश्वरों और क़ौमी व मिल्ली रहनुमाओं की मौजूदगी में चुनावों में भागीदारी विषयक एक सेमिनार की अध्यक्षता करते हुए अतहर नबी एडवोकेट ने व्यक्त किये। कई संगठनों से सम्बद्ध और हिंदी उर्दू साहित्य अवार्ड कमिटी के अध्यक्ष श्री नबी ने कहा की हमारा देश कई संस्कृतियों की मिली-जुली संस्कृतियों वाला है।
मशहूर शायर हसन काज़मी कहा कि संविधान के हिसाब से हर वयस्क नागरिक को वोट डालने का हक है और इस आईनी हक़ का इस्तेमाल करना हमारी ज़िम्मेदारी है।
नवाब मसूद अब्दुल्लाह, प्रेमशंकर भारती, एसएन लाल, विमल मिश्र और प्रज्ञा सहित अन्य वक्ताओं ने कहा कि मौजूदा सरकार हर मोर्चे पर नाकाम साबित हुई है। इस वक़्त हमारा प्यारा मुल्क निहायत नाज़ुक हालात से गुज़र रहा है।