लखनऊ, 28 दिसम्बर: राजधानी की महिला साहित्यकार व कलाकार ज्योति किरन रतन श्रीमती सरोज सिंह साहित्य सरोज सम्मान-23 और कनक वर्मा, डा.अपूर्वा अवस्थी, गीतिका श्रीवास्तव, निशा मोहन, रीता श्रीवास्तव व जाह्नवी अवस्थी को गोपालराम गहमरी सम्मान से गहमर गाजीपुर में सम्मानित होकर लौटी हैं। इन रचनाकारों ने बताया कि से गहमर वेलफेयर सोसायटी और साहित्य सरोज पत्रिका पिछले आठ सालों से हर वर्ष दिसम्बर के अंतिम सप्ताह में त्रिदिवसीय साहित्यिक महोत्सव करती आ रही है।
सम्मानित रचनाकारों ने बताया कि दो सौ से अधिक उपन्यास, सैकड़ों कहानियां व गीत हिन्दी, उर्दू और अंग्रेजी में लिखने वाले पहले हिन्दी जासूसी उपन्यासकार व पत्रकार गोपालराम गहमरी की स्मृति में उनके प्रशंसक अखण्ड गहमरी के संयोजन में होने वाले इस नवें समारोह में आठ प्रदेशों के साहित्यकर्मी उपस्थित थे। आयोजन में प्रतिवर्ष हिन्दी काव्य, गद्य, समाजसेवा, लोक संस्कृति, भाषा-बोली, रंगमंच, गैर हिन्दी भाषी क्षेत्र में रहकर हिन्दी में कार्य एवं उसके प्रचार प्रसार व विदेशो में रह कर हिन्दी के प्रचार प्रसार के लिए कुल 40 सम्मान प्रतिवर्ष दिये जाते हैं।
भागीदारी करने वालों में संतोष शर्मा, डा.लक्ष्मीराज उज्जैन, कुमारी ईशिका उज्जैन, विनोद कुमार विक्की खगड़िया, क्रिस्टल किसलय, ज्योति कुशवाहा गाजीपुर, प्रियंका खंडेलवाल मथुरा, तारिका खंडेलवाल मथुरा, ओम जी मिश्र लखनऊ, राजेश कुमार भटनागर जयपुर, डाक्टर पुष्पा सिंह नई दिल्ली, दया शंकर प्रसाद प्रयागराज, मीना सिंह मध्यप्रदेश, गोपकुमार मिश्र जयपुर, डा.बृजेशकुमार गुप्त महोबा, संतोष शर्मा शान हाथरस, हिन्दू राजन भोपाल, शशिकांत मिश्र पूर्वी चम्पारन, डा.पंकज सिंह पटना, डा.निशा शर्मा बरेली, कुमकुम काव्यकृति मुंगेर, विनय राय बबुरंग गाजीपुर, गणेश शर्मा विद्यार्थी आगरा, प्रणाम पर्यटन लखनऊ, सुनीलदत्त मिश्रा बिलासपुर, डा.आलोक प्रेमी बांका आदि अनेक रचनाकार शामिल रहे।
इस त्रिदिवसीय महोत्सव में विभिन्न विधाओं जैसे साहित्य, कला और भाषा पर परिचर्चा, पुस्तको का लोकार्पण पुस्तक मेला, चित्रकला प्रदर्शनी, लोक गायन, लोक नृत्य, वादन, सम्मान समारोह, कवि सम्मेलन, लघुकथा प्रतियोगिता एवं साझा संग्रहों का लोकार्पण भी हुआ। महोत्सव में वयस्क साहित्यकारों व कलाकारों के अलावा स्कूलों के बच्चों ने भी मोहक सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दीं।
तीसरे सत्र में सेहत और स्वास्थ में रोजगार का भविष्य विषय पर ममता सिंह, धर्मेन्द्र सिंह ,राजू सिंह, हरिशचन्द्र सिंह, धर्मेन्द्र सिंह, संजय सिह, धर्मराज सिंह, मनोज सिंह ने बात रखी। पूर्व सहकारिता मंत्री संगीता बलवंत की अध्यक्षता में चैथे सत्र सम्पन्न हुआ लोकगीत, नृत्य और कृष्ण लीला के आनंद के साथ संतोष शर्मा शान हाथरस ने अभागिन भिखारन एकल नाट्य प्रस्तुति, लखनऊ जाह्नवी अवस्थी का नृत्य, आरएस भटनागर का बांसुरी वादन, अपूर्वा अवस्थी व समूह का लोकगायन, प्रियंका खंडेलवाल, तारिका खंडेलवाल और समूह ने नाग नथैया और फूलों की होली की प्रस्तुति दी।
पांचवें सत्र में पुष्पा सिंह की अध्यक्षता में मीना सिंह, अपूर्वा अवस्थी, कनक वर्मा, ज्योति कुशवाहा, ज्योति किरन रतन ने काव्यपाठ किया। डा.संदीप अवस्थी द्वारा भारतीय संस्कृति में आध्यात्मिकता विषय पर गोप कुमार मिश्र जयपुर के अध्यक्षता में ओम जी मिश्रा, अखंड गहमरी, केशव उपाध्याय आदि ने अपने विचार वक्त किये।