महंगाई का असर आम आदमी की रसोई पर ज्यादा पड़ा है। खाने-पीने की चीजें तो काफी महंगी हो ही गई थीं, खाना पकाने वाली रसोई गैस की कीमतें भी उसकी पहुंच से बाहर होती जा रही थीं। लखनऊ में एक घरेलू गैस सिलिंडर की कीमत 1140.50 रुपए तक हो गई थी गैस कंपनियां अलग-अलग कारण बताकर इन कीमतों में बढ़ोतरी ही करती रहती थीं। गरीब परिवारों के लिए यह काफी मुश्किल भरी स्थिति हो गई थी। उनमें से कई ने तो रसोई गैस का इस्तेमाल करना ही बंद कर दिया था। अब केंद्र सरकार ने घरेलू गैस सिलिंडरों की कीमतों में दो सौ रुपए की कमी करने का फैसला किया है। निश्चित ही सरकार के इस कदम से घरेलू गैस उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी।
यह कदम सरकार को बहुत पहले उठाना चाहिए था लेकिन अब जब इस साल होने वाले कुछ राज्यों की विधानसभा और अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं तब सरकार ने यह कदम उठाना जरूरी समझा। पेट्रोलियम मंत्री हरदीप पुरी का कहना है कि रसोई गैस के दाम में कटौती का उद्देश्य आम लोगों को राहत देना है।
मंत्री की बात को सही मानें तो सवाल यह उठता है कि आम लोगों को राहत देने का विचार सरकार के दिमाग में पहले क्यों नहीं आया जबकि रसोई गैस के दामों में बढ़ोतरी के खिलाफ लगातार आवाजें उठ रही। थीं। चुनावी जोड़-घटाव के क्रम में अब उम्मीद की जा रही है कि सरकार पेट्रोल और डीजल के दाम में भी कमी कर सकती है। हालांकि यह भी सही है कि ये रियायतें केवल चुनावी मौसम भर के लिए ही हैं। चुनाव के बाद तेल कंपनियां दाम बढ़ा कर अपना सारा घाटा पूरा करेंगी और सरकार हाथ बांध कर खड़ी हो जाएगी कि हम तो इस मामले में कुछ नहीं कर सकते।