पं. दीन दयाल उपाध्याय किसान समृद्धि योजना के तहत होगा काम
लखनऊ, 23 सितम्बर । प्रदेश के बीहड़, बंजर व जल भराव क्षेत्रों को सुधारने के लिए सरकार पांच वर्षों में 100.60 करोड़ रुपये व्यय करेगी। इस बजट से 43850 हेक्टेयर खराब भूमि को कृषि योग्य बनाया जाएगा। इसमें 35600 हेक्टेयर बीहड़ व बंजर सुधार किया जाएगा और 8250 हेक्टेयर भूमि पर कृषि वानिकी का कार्य किया जाएगा।
यह पं. दीन दयाल उपाध्याय किसान समृद्धि योजना के तहत कार्य होगा। शासन स्तर से कृषि निदेशक को जारी पत्रांक संख्या – 74/2020/612- 168905/2022/12-5099/45/2022 में कहा गया है कि वर्तमान में भूमि उपयोगिता के लिए प्रतिवेदित क्षेत्रफल 241.70 लाख हेक्टेयर भूमि है, जिसमें कृषि योग्य समस्याग्रस्त भूमि 24.11 लाख हेक्टेयर है। इसमें अगले पांच वर्ष में 43850 हेक्टेयर भूमि को कृषि योग्य बना है। इसके लिए राज्य सेक्टर से 90.35 करोड़ रुपये व्यय होगा और मनरेगा सेक्टर से 10.25 करोड़ रुपये व्यय किया जाएगा।
इस योजना के अंतर्गत 2017-18 से 2021-22 तक इन समस्याग्रस्त क्षेत्रों के उपचार के लिए पं. दीन दयाल उपाध्याय किसान समृद्धि योजना के तहत 157190 हेक्टेयर क्षेत्रफल भूमि को कृषि योग्य एवं अधिक उपजाऊ बनाया गया है। इस योजना में 332 करोड़ रुपये व्यय हुआ था। इस योजना का उद्देश्य लघु एवं सीमांत कृषकों की अनुपजाऊ या कम उपजाऊ भूमि को उन्हीं के द्वारा उन्हीं के लिए उन्हीं से सुधार कराना है।
इसके साथ ही परियोजना क्षेत्र में उपलब्ध बीहड़ एवं बंजर तथा ग्रामसभा की भूमि को भूमिहीन खेतिहर मजदूरों को राजस्व विभाग के सहयोग से आवंटित कराकर अथवा पहले से आवंटित भूमि को खेती योग्य बनाना है।