डॉक्टर बोले, अपच सहित तमाम रोगों को करे दूर
कैल्शियम, आयरन, फाइबर, मैग्निशियम, पोटैशियम फास्फोरस आदि तत्वों के साथ ही विटामिन से भरपुर ‘अनानास’ शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के साथ ही तमाम रोगों से छुटकारा दिलाता है। इसके साथ ही शरीर की हड्डियों को मजबूत बनाने के साथ ही दिमाग को भी तेज बनाने में सहायक है।
इस संबंध में बीएचयू पंचकर्म विभाग के विभागाध्यक्ष डाक्टर जेपी सिंह का कहना है कि सौ ग्राम अनानास में .54 ग्राम प्रोटीन, 1.4 ग्राम फाइबर, 9.85 ग्राम शुगर, 13 मिलीग्राम कैल्शियम, .29 मिलीग्राम आयरन, 12 मिग्रा मैग्निशियम, आठ मिग्रा फास्फोरस, 109 मिग्रा पोटैशियम, 47.8 मिग्रा विटामिन सी सहित तमाम पौष्टिक तत्व पाये जाते हैं। एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपुर ‘अनानास’ फ्लू से बचाता है जबकि एंटीऑक्सीडेंट शरीर को नुकसान पहुंचाने वाले फ्री रेडिकल्स से रोकता है जो ऑक्सीडेटिव तनाव को रोकते हैं।
उन्होंने बताया कि अपच, पेट में कीड़े, बुखार, यौन रोग, पीलिया सहित कुष्ठ रोग में अनानास से लाभ पा सकते हैं। उन्होंने कहा कि ‘अनानास’ भूख को बढ़ाने, शक्तिवर्धक, रक्त-पित्त विकार में लाभ पहुंचाने वाला फल है। यह बुखार को कम करता है, कम पेशाब होने की समस्या में लाभ पहुंचाता है। पेट की गैस, दर्द, एसिडिटी और शारीरिक कमजोरी को दूर करता है। इसका पका फल रक्त स्त्राव से जुड़े रोगों को दूर करता है।
आयुर्वेदाचार्य डाक्टर जेपी सिंह ने कहा कि एसीडिटी की समस्या में पके हुए ‘अनानास’ के 10 मिलीग्राम रस में भुनी हुई हींग और 125 मिलीग्राम मिला लें। इसमें सेंधा नमक 250 मिलीग्राम और 250 मिलीग्राम अदरक का रस मिलाएं। इसे रोज सुबह और शाम पीने से परेशानी दूर होगी। उन्होंने कहा कि ‘अन्नानास’ फल के रस का सेवन करने से पाचन-तंत्र संबंधी बीमारियां दूर होती है।
उन्होंने कहा कि ‘अनानास’ के जूस गुड़ मिलाकर सेवन करने से पेशाब से संबंधित समस्या ठीक होती है। उन्होंने कहा कि अनानास फल के 50-100 मिलीग्राम रस निकालें। इसमें 1 ग्राम छोटी कटेरी की जड़ का चूर्ण और 2 ग्राम आंवला चूर्ण मिला लें। इसमें 500 मिलीग्राम जीरे का चूर्ण, तथा शहद मिलाकर सेवन करें। इसके प्रयोग से खांसी में आराम मिलता है। उन्होंने कहा कि सांसों से जुड़ी बीमारियों के लिए इसके रस में मुलेठी, बहेड़ा और मिश्री को मिलाकर सेवन करने से सांसों के रोगों में लाभ होता है।