जी के चक्रवर्ती
वैसे पाकिस्तान के इतिहास में आज पहली बार यह नहीं है कि जब किसी प्रधानमंत्री का तख्तापलट किया जाता रहा है। वैसे हमेशा पाकिस्तान के प्रधानमंत्री की कुर्सी खतरे में ही पड़ी रहने वाली दिखाई देती रही है। पाकिस्तान का इतिहास गवाह है कि अभी तक यहां जितने भी लोगों ने प्रधानमंत्री पद की कुर्सी संभाली हैं, उनमें से एक भी प्रधानमंत्री ने अपना 5 वर्षो तक का कार्यकाल पूरा नही कर पाएं हैं। आज फिर से पाकिस्तान में एक बार पुनः इतिहास दोहराता हुआ नजर आ रहा है।
एक समय इमरान खान की गिनती दुनिया में एक बेहतरीन क्रिकेट खिलाड़ी के रूप में हुआ करती थी। वर्ष1992 का क्रिकेट वर्ल्ड कप इसका महत्वपूर्ण साक्ष्य है जिसमे इमरान खान ने पाकिस्तान को वर्ल्ड कप जितवाने की ठानी ली और जिताकर ही दम लिया था।
इमरान खान जब एक क्रिकेटर के रूप में एक अच्छे फ़ार्म में खेल रहे थे, उस वख्त उनके पास पाकिस्तान की राजनीति में हाथ आजमाने का अवसर आया था। उस समय पाकिस्तान की सत्ता संभाल रहे प्रधानमंत्री मोहम्मद जिया-उल-हक ने अपनी पार्टी में उन्हें शामिल होने का न्योता भेजा था जिसे उन्होंने उस वख्त मना कर दिया और बाद में नवाज शरीफ की पार्टी ने इमरान खान को अपने साथ जोड़ने की चेष्टा अवश्य किया था लेकिन वर्ष 25 अप्रैल 1996 को इमरान खान ने स्वयं अपनी ही एक पृथक पार्टी “पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ” की स्थापना कर पार्टी के वैनर तले वर्ष1997 में 2 सीटों से चुनाव लड़ा और दोनों ही जगह से नवाज की पार्टी के उम्मीदवार से हार गये थे।
आज इमरान खान की इसी पार्टी “पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ” के दो दर्जन सांसदों ने बगावत कर अपने ही नेता के विरुद्ध खड़े हो गये जिससे यहां फिर से एक बार पुराने इतिहास को दोहराते हुए इमरान खान को सदन में अपना बहुमत सिद्ध करना पड़ेगा।
कभी इमरान खान पाकिस्तानी सेना के बहुत चहेते होने के बावजूद आज सेना में हालात ऐसे बदले कि स्वयं बाजवा को ही इमरान खान खटकने लगे हैं। पाकिस्तानी इतिहास का यह काला पक्ष रहा है कि यहां की कोई भी चुनी हुई सरकार ने अपने कार्यकाल के 5 वर्षो तक का समय पूरा कर ही नही पाई यदि हम इमरान से पूर्व मे झांके तो यह स्पष्ट हो जाता है कि पाकिस्तानी सेना ने ही यहां के तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को सत्ता से बेदखल कर इमरान खान के लिए यहां के प्रधानमंत्री की कुर्सी तक का रास्ता साफ किया था, लेकिन वहीं नवाज शरीफ की बेटी मरियम नवाज आज अपने पिता का बदला चुकता करने के लिए सड़क पर उतर आईं और इमरान को प्रधानमंत्री की कुर्सी से वेदखल करने के षड़यंत्र का एक बड़ा चेहरा बनकर उभरी है।