नई दिल्ली, 07 सितम्बर 2021 : हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के मीरवाइज उमर फारूक नीत धड़े ने कट्टरपंथी अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी की मौत होने पर उनका शव पाकिस्तानी झंडे में लपटने पर प्राथमिकी दर्ज करने की निंदा की। गिलानी की मौत के बाद कथित राष्ट्र विरोधी नारे लगाने और उनका शव पाकिस्तान के झंडे में लपटने के मामले में पुलिस ने अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता तथा गैर कानूनी गतिविधियां रोकथाम कानून के विभिन्न प्रावधानों के तहत प्राथमिकी दर्ज की थी।
अधिकारियों ने बताया था कि जब पुलिस शव को कब्जे में लेने के लिए गई, तब गिलानी के सहयोगियों ने झंडा हटा दिया था। लंबी बीमारी के बाद गिलानी की बुधवार रात यहां उनके आवास पर मौत हो गई थी। उनके शव को पास की एक मस्जिद के कब्रिस्तान में दफनाया गया। हुर्रियत की ओर से कहा गया कि वह गिलानी के परिवार के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की निंदा करता है।
इसमें कहा गया, गिलानी के बेटे ने बताया कि अधिकारियों ने 92 वर्षीय नेता का शव अपने कब्जे में लेकर परिवार की अनुपस्थिति में और उनकी जानकारी के बगैर ही दफना दिया। यह सुनकर बहुत ही दुख हुआ। यह अमानवीय है कि परिवार को अपने प्रियजन को दफनाने का अधिकार तक नहीं दिया जाए। परिवार पर क्या बीती होगी इसकी कल्पना की जा सकती है। कठोरता के बाद अधिकारी प्राथमिकी दर्ज करके, गिरफ्तार करने की धमकियां देकर परिवार को प्रताड़ित कर रहे हैं। हुर्रियत ने कहा कि ‘‘अन्याय और दुख की इस घड़ी में कश्मीर के लोग गिलानी के परिवार के साथ खड़े हैं।