सीआईएसआईआर-सीडीआरआई में चल रहा लघु अणु विश्लेषण पर तीन दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला
सैफ, सीआईएसआईआर-सीडीआरआई, लखनऊ में कोरोना महामारी के बाद एनएमआर स्पेक्ट्रोस्कोपी और मास स्पेक्ट्रोमेट्री पर व्यवहारिक प्रशिक्षण कार्यक्रम (हैंड्स-ऑन-ट्रेनिंग प्रोग्राम) एनएमआर स्पेक्ट्रोस्कोपी और मास स्पेक्ट्रोमेट्री द्वारा लघु अणु विश्लेषण पर तीन दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला के दूसरे दिन निदेशक प्रो. तपस कुंडु मुख्य वक्ता रहे।
प्रो तपस कुंडु ने कहा कि नए छोटे अणु आधारित रासायनिक सत्वों (यौगिकों) के संश्लेषण के लिए दुनिया भर में व्यापक शोध किया जा रहा है। इनका उद्देश्य औषधीय महत्व के पौधों से एवं अन्य स्रोतों से महत्वपूर्ण बायोएक्टिव अणुओं की पहचान करना है। इससे आने वाले समय में रोगों के निदान के लिए नए बायोमार्कर एवं नई दवाओं की खोज में मदद मिल सके। परमाणु चुंबकीय अनुनाद (एनएमआर) स्पेक्ट्रोस्कोपी और मास स्पेक्ट्रोमेट्री दोपरस्पर पूरक महत्वपूर्ण विश्लेषणात्मक विधियां हैं। जिनका उपयोग अणुओं की संरचनाओं, उनकी मात्रा और उनकी क्रियाशीलता सम्बंधी गुणों को समझने के लिए बड़े पैमाने पर किया जा रहा है।
सैफ, सीआईएसआईआर-सीडीआरआई के प्रभागाध्यक्ष एवं वरिष्ठ प्रधान वैज्ञानिक डॉ के.वी शशीधरा ने कहा कि सीआईएसआईआर-केंद्रीय औषधि अनुसंधान संस्थान में सोफिस्टीकेटेड एनालिटिकल इन्स्ट्रुमेंट फेसिलिटी (सैफ) की अवधारणा रासायनिक और जीव विज्ञान के अनुसंधान क्षेत्र में कार्यरत वैज्ञानिकों और अनुसंधान कर्ताओं की जरूरतों के अनुरूप विकसित हुई है। यह उन विश्वविद्यालयों, सरकारी शोध संस्थानों और फार्मा उद्योगों, जिनके पास यह महंगे और परिष्कृत उपकरण नहीं हैं, के शोधकर्ताओं को अनुसंधान में सहायता प्रदान करता है।
कौशल विकास कार्यक्रमों एवं व्यवहारिक प्रशिक्षण कार्यक्रम में लौटी रौनक संस्थान के कौशल विकास कार्यक्रमों के समन्वयक एवं मुख्य वैज्ञानिक विनय त्रिपाठी ने प्रतिभागियों को सीएसआईआर-सीडीआरआई द्वारा आयोजित विभिन्न कौशल विकास कार्यक्रमों के बारे में बताया। कहा कि प्रतिभागी अपने कौशल में सुधार और अपनी रोजगार क्षमता बढ़ाने के लिए इन कार्यक्रमों का लाभ उठा सकते हैं।
प्रधान वैज्ञानिक डॉ संजीव कुमार शुक्ला ने एनएमआर स्पेक्ट्रोस्कोपी की मूल सिद्धांतों एवं अनुप्रयोगों पर चर्चा की और द्वि-आयामी एनएमआर और उनके अनुप्रयोगों की संक्षिप्त जानकारी भी प्रदान की। सैफ, सीआईएसआईआर-सीडीआरआई के ही एक अन्य प्रधान वैज्ञानिक डॉ संजीव कनौजिया ने प्रतिभागियों को मास स्पेक्ट्रोमेट्री के मूल सिद्धांतों एवं अनुप्रयोगों की व्याख्या कर जानकारी प्रदान की।
कार्यशाला के आयोजन सचिव डॉ. संजीव कुमार शुक्ला ने बताया कि एनएमआर और मास स्पेक्ट्रोस्कोपी में विशिष्ट कौशल विकसित करने के उद्देश्य से देश के विभिन्न क्षेत्रों से आए प्रतिभागियों के लिए हैंड्स-ऑन ट्रेनिंग आगे दो दिन तक जारी रहेगा। इसमें वे इन सोफिस्टीकेटेड एनालिटिकल इन्स्ट्रुमेंट की कार्यप्रणाली को स्वयं करके विस्तार से समझ सकेंगे। प्रशिक्षण पूरा होने के बाद प्रमाणपत्र प्रदान किया जाएगा।