पाकिस्तान में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद नेशनल असेंबली की फिर बैठक की गई और इसमें इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर मुहर लग ही गई। इसी परिस्थिति से इमरान बचना चाहते थे क्योंकि उनके सहयोगी लोगों ने उनका साथ छोड़ दिया था जिनके समर्थन के अभाव में वह अविश्वास प्रस्ताव से पार नहीं पा सकते थे।
यह स्थिति इतनी तनावपूर्ण थी कि नेशनल असेंबली के स्पीकर असद कैसर ने इमरान खान के साथ अपने संबंधों का हवाला देते हुए पहले तो अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान कराने से इंकार कर दिया। बाद में नेशनल असेंबली के सचिव की ओर से लिखित में मतदान कराने का सुझाव दिया गया। देर रात कैसर ने कहा कि मतदान कराने के लिए वह तैयार हैं। डेढ़ बजे रात में वोटों की गिनती हुई जिसमें इमरान सरकार के खिलाफ 174 वोट पड़े जबकि बहुमत के लिए 172 वोट जरूरी थे।
इमरान की पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ पार्टी के सदस्यों ने मतदान में भाग नहीं लिया। मतदान के बाद विपक्ष के नेता शहबाज शरीफ ने कहा यह मुल्क के लिए नई सुबह है। इससे ठीक पहले स्पीकर असद कैसर और डिप्टी स्पीकर कासिम सूरी ने इस्तीफा दे दिया।
उधर देर रात सुप्रीम कोर्ट भी खोला गया। इस बीच संसद भवन, हवाई अड्डों सहित वीआईपी इलाकों में सुरक्षा बढ़ा दी गई। इस बीच इमरान खान की ओर से भारत की तारीफ किए जाने पर घमासान शुरू हो गया है। विपक्षी दल की नेता मरियम नवाज ने इमरान खान पर निशाना साधते हुए मनोरोगी करार दिया।
उन्होंने कहा कि अगर वह पड़ोसी देश को इतना पसंद करते हैं तो उन्हें वहीं चले जाना चाहिए। इस तरह यह तो स्पष्ट है कि पाकिस्तान में बेहद तनातनी के हालात हैं। इमरान खान के विश्वास मत में पराजित हो जाने के बाद हालात क्या करवट लेंगे, यह | अभी देखा जाना है। यह बात तो तय है कि विपक्ष पूरी तरह से एकजुट है और वह नए सत्ता समीकरणों को अंजाम देने की पूरी रणनीति पर काम कर रहा है।